जानिये, कैसे इस तेज गेंदबाज ने कम किया 6 किलो वजन, आज छुड़ाएगा अफगानी बल्लेबाजों के छक्के
खबर के मुख्य बिंदू-
टीम इंडिया में वापसी के लिए उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज ने किया कड़ा संघर्ष
कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने खोले मोहम्मद शमी की सेहत के राज
मनपसंद बिरयानी और वजन बढ़ाने वाली जीजों को त्यागकर फिर से की वापसी
जानिये, कैसे इस तेज गेंदबाज ने कम किया 6 किलो वजन, आज छुड़ाएगा अफगानी बल्लेबाजों के छक्के
अमरोहा. विश्व कप 2019 (world cup 2019) में आज यानी शनिवार को भारत और अफगानिस्तान के बीच मुकाबला हो रहा है। भुवनेश्वर कुमार के चोटिल होने बाद मोहम्मद शमी को टीम इंडिया में जगह मिली है। यहां बता दें कि मोहम्मद शमी ने विश्व कप के लिए खास तैयारी की है। मानसिक और शारीरिक पेरशानियों से जूझते हुए शमी का भारतीय टीम में चयनित होना आसान नहीं था, लेकिन मोहम्मद शमी ने तमाम परेशानियों का सामना करते हुए चुनौतियों को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि टीम इंडिया मे वापसी भी की।
शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी बतातें हैं कि शमी का वजन जब बढ़ गया था तो उन्होंने देसी तरीकों को आजमाते हुए कुछ ही दिनों में करीब 6 किलोग्राम वजन कम कर लिया। वे कहते हैं कि शमी मानसिक रूप से इतने मजबूत हैं कि जो ठान लेते हैं उस काम को पूरा करके ही दम लेते हैं।
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cwc 2019 Exclusive: मोहम्मद शमी को मिल सकता है मौका, मैच पर नहीं है बारिश का साया- सुनील गावस्कर भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पिछले दिनों जिन पारिवारिक परेशानियों से गुजरे हैं, वह किसी से छुपा नहीं है। मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि जब पारिवारिक परेशानियों से जूझ रहे शमी कोलकाता छोड़कर अपने गांव सहसपुर पहुंचे थे तब उनका वजन काफी बढ़ गया था। इसके बाद उन्होंने तय किया कि सबसे पहले वह अपना वजन कम करेंगे और टीम इंडिया में फिर से वापसी करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपनी मनपसंद बिरयानी का त्याग करते हुए देसी तरीके से वजन कम करने को तरजीह दी। शमी ने अपने गांव में ही एक खेत में ट्रैक्टर चलवाया और सख्त मिट्टी को खुदवाकर मुलायम करवा दिया। इसके बाद उन्होंने सुबह करीब दो घंटे और शाम को करीब एक घंटे लगातार नंगे पैर तेज दौड़ लगाई और कुछ ही दिनों में उनका वजन करीब छह किलोग्राम कम हो गया।
फिर से पुराने अंदाज में नजर आए मोहम्मद शमी बदरुद्दीन बताते हैं कि पारिवारिक परेशानियों से जूझ रहे शमी जब उनके पास आए तो वह पूरी तरह बदले हुए थे। उन्होंने बताया कि बीच में शमी ने उनके पास आना बंद कर दिया था, लेकिन जब वह इस बार आए तो पूरी तरह बदले हुए थे। शमी जिस प्रकार पहले मैदान में बच्चों से घुलते-मिलते थे। इस बार भी उन्होंने बच्चों के साथ खूब वक्त गुजारा। बदरुद्दीन बताते हैं कि उन्हें पहले लगता था कि शमी जिस तरह से परेशानियों से गुजर रहे हैं उससे उबर पाना उनके लिए मुश्किल होगा, लेकिन शमी ने सभी चीजों को पीछे छोड़ते हुए जबरदस्त वापसी की है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि शमी विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अमरोहा का नाम फिर से बुलंदियों पर ले जाएगा।
शमी ने चटाई थी पाकिस्तानी बल्लेबाजों को धूल बता दें कि अमरोहा के सहसपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद शमी ने 2015 के विश्व कप में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने 2015 के विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ हुए अहम मुकाबले में उम्दा प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान के सर्वाधिक विकेट चटकाए थे। उस मैच में शमी ने पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज यूनिस खान, शाहिद अफरीदी, कप्तान मिस्बाह उल हक और वहाब रियाज को पवेलियन भेजा था। शमी ने 9 ओवरों में मात्र 35 रन देकर चार विकेट चटकाए थे। उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ आज हो रहे मुकाबले में शमी को मौका मिला है, जिसमें वह उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन करेंगे।