दरअसल, यम मामला अमरोहा के डिडौली कोतवाली क्षेत्र स्थित एक गांव का है। जहां 50 वर्षीय व्यक्ति एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था। बताया जा रहा है कि 8 महीने पहले जब घर में 14 वर्षीय बेटी के अलावा कोई नहीं था तो उसने जबरन उससे दुष्कर्म किया था। इसके बाद वह लगातार बेटी को डरा धमका कर दुष्कर्म करता रहा। जब भी घर में कोई नहीं होता तो वह बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाता और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर चुप करा देता।
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गर्भवती पत्नी को दिया तीन तलाक, घर वापसी के लिए जेठ संग रखी हलाला की शर्त गर्भवती होने पर खुला राज 11 जून को अचानक बेटी की तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद परिजन उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे तो वहां उसका अल्ट्रासाउंड किया गया। अल्ट्रासाउंड से पता चला कि वह सात महीने की गर्भवती है। यह सुनते ही उसकी मां और भाई के पैरों तले जैसे जमीन ही न रही। पूछने पर बेटी ने आपबीती सुनाई। इसके बाद लड़की के भाई ने 14 जून को पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने उसके बाप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। केस की विवेचना कर रहे एसएसआई सुक्रमपाल सिंह ने 22 जून को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। जिसके बाद 23 जून को केस अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष अवधेश कुमार सिंह की कोर्ट में पहुंचा।
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हाईकोर्ट ने ब्यूरोक्रैसी को दिखाया आईना, कहा- नहीं आता जांच करना 6 दिन में सजा सुनाने का यूपी का पहला मामला 23 जून को ही कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केस को ट्रायल पर ले लिया। जिसके बाद सभी गवाहों के बयान हुए। सोमवार को न्यायाधीश ने अभियोजन और आरोपी पक्ष दोनों को सुना। वहीं, मंगलवार को सुनवाई करते हुए महज 6 दिन के भीतर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। कोर्ट तमाम साक्ष्य और गवाहों के आधार पर बाप को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 53 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी का दावा है कि महज 6 दिन के भीतर सजा सुनाए जाने वाला यह यूपी का पहला मामला है।