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हुआ यूं कि तरनतारन रोड स्थित हरी के पत्तन में गुरुवार को पुलिस को एक जला हुआ शव मिला। पुलिस ने जांच पड़ताल कर इस हत्या के राज पर से पर्दा हटा दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार जब लाश मिली थी तो दस्तावेजों की पड़ताल करने पर पता चला कि वह कार अमृतसर निवासी अनूप नाम के युवक की है। पुलिस ने अनूप के पिता तरलोचन सिंह को सुबह सवा सात बजे फोन पर सूचना दी। तरलोचन सिंह अपने दूसरे बेटे करणबीर सिंह के साथ लगभग चार घंटे बाद सवा 11 बजे घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस को पहला शक इसी से हुआ क्योंकि हरिके पत्तन पहुंचने के लिए अमृतसर से मात्र 45 मिनट का समय लगता है।
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यूं खुला हत्या कर राज…
वहीं तरलोचन सिंह और करणबीर के चेहरे पर अनूप की लाश देखने के बाद भी कोई दुख नहीं दिखा। इसके बाद पुलिस का शक गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने अनूप सिंह के मोबाइल फोन को ट्रेस किया गया तो उसकी लोकेशन हरियाणा आ रही थी। पुलिस ने तरलोचन सिंह और करणबीर सिंह को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारा सच उगल दिया। अनूप सिंह के बीमा की राशि के लिए अपनी मां मनप्रीत कौर को नॉमिनी बनाया हुआ था। छह करोड़ रुपए की बीमा राशि के लिए ही यह सब साजिश रची गई।
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पैसों के लिए किसे जिंदा जलाया गया?
पुलिस अनूप सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। इस मामले में परिवार का कौन-कौन सदस्य शामिल था और अनूप सिंह ने किस को जिंदा जलाया है, इसकी भी जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार अनूप के परिवार के पास एक युवक काम करता था और उसका कोई संबंधी भी नहीं था। माना जा रहा है कि उसी नौकर को इस साजिश में शिकार बनाया गया।