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जानिए क्या है पूरा मामला
शासन के निर्देश पर हर महीने के तीसरे बुधवार को जिला मुख्यालय पर किसान दिवस आयोजित करने का प्रावधान है। इस संदर्भ में इस महीने के तीसरे बुधवार को किसान दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जब डीएम मीटिंग ले रहे थे तभी एक किसान बेहोश हो नीचे गिर गया। साथी किसानों ने जल्दी से उसे उठाया और हास्पिटल ले जाने का प्रबंध करने लगे। किसानों में इस बात को लेकर रोष था कि सीएमओ मीटिंग मे मौजूद थे लेकिन उन्होंने किसान को हास्पिटल पहुंचवाने का प्रबंध नहीं किया। इसके बाद किसानों ने वहीं पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
किसान नेता रीता सिंह ने कहा कि जब भी नए डीएम आते हैं और किसानों के साथ बैठक लेते हैं तो बगैर मुर्दाबाद किए हम लोगों को बैठने का स्थान नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि किसानों की मीटिंग थी और मीटिंग हाल पहले से भरा था। किसान धूप में भटक रहा था। पानी आदि की व्यव्स्था नहीं थी। इसमें एक किसान बेहोश हो गया।
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इस मामले पर बीजेपी नेता गोविंद सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीएमओ और डाक्टर वहां बैठे थे उन्हें आकर उसको सहायता देकर एंबुलेंस बुलाना चाहिए था। जिला प्रशासन ने कुछ नहीं किया ये उनका गलत निर्णय है। किसानों की समस्या सुनने का दिन निर्धारित है उस वक़्त दूसरा काम कर रहे अधिकारी ये गलत है।