कोरोना काल में स्कूल खुलने के पहले ही दिन बगैर मास्क के क्लास रूम में दिखाई दिए बच्चे, टीचरों ने पढ़ाना नहीं समझा मुनासिब
उत्तर प्रदेश में कोविड-19 (Covid-19) के चलते बंद हुए प्राइमरी स्कूल सोमवार को तकरीबन 10 माह बाद खुल गए। सरकार ने कोरोना काल में बंद किए गए स्कूलों को खोलने के लिए गाइडलाइन जारी की थी और सभी को प्रोटोकाल का अनुपालन करना था।
कोरोना काल में स्कूल खुलने के पहले ही दिन बगैर मास्क के क्लास रूम में दिखाई दिए बच्चे, टीचरों ने पढ़ाना नहीं समझा मुनासिब
अमेठी. उत्तर प्रदेश में कोविड-19 (Covid-19) के चलते बंद हुए प्राइमरी स्कूल सोमवार को तकरीबन 10 माह बाद खुल गए। सरकार ने कोरोना काल में बंद किए गए स्कूलों को खोलने के लिए गाइडलाइन जारी की थी और सभी को प्रोटोकाल का अनुपालन करना था। लेकिन पहले ही दिन प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ी, क्लास रूम में बच्चे बगैर मास्क के ही नजर आए। यही नहीं बल्कि बच्चों के जोरदार स्वागत के बाद पहले ही दिन शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाना मुनासिब नहीं समझा।
पहले दिन नहीं हुई पढ़ाई अमेठी के बहादुरपुर ब्लाक स्थित खालिसपुर ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से कक्षा पांच के छात्र स्कूल पहुंचे। ग्राम प्रधान खालिसपुर कल्पना शुक्ला ने कन्या पूजन किया। उन्होंने कहा की हिंदू रीति-रिवाजों में कन्याओं का पूजन महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रथम दिन स्कूल की ही छात्रा अंजली को बिठाकर उसके पैरों को धुला गया और टीकाकरण उपरांत ग्राम प्रधान कल्पना शुक्ला ने आरती उतारी। हालांकि, इस दौरान प्रधान से लेकर टीचर और छात्रा ने मास्क तक नही लगाया था। वहीं क्लास में बच्चे बगैर मास्क के दिखे। पूछने पर बच्चों ने बताया आज पढ़ाई नही हुई। टीचर ने कहा कि मंगलवार से पढ़ाई होगी।
बता दें कि कोरोना संक्रमण से राहत मिलने पर शासन ने परिषदीय स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है। इस क्रम में कक्षा छह से आठ तक के स्कूल तो गत 10 फरवरी को ही खुल गए थे। वहीं आज से कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं संचालित की गई। शासन ने इसके लिए प्रोटोकॉल जारी किया था कि स्कूल में दाखिल होने से पहले सभी छात्रों के हाथ सैनिटाइज कराए जाएं, कक्षा में छात्रों व टीचरों को मास्क लगाकर बैठना अनिवार्य किया गया था। छह फीट की दूरी पर बैठाकर बच्चों को मध्यान्ह भोजन कराने का निर्देश दिया गया है।