मुट्ठी भर लोगों ने किया नंगा-नाच उन्होंंने कहा कि हमारे देश में अनजाने मेहमान को भी भगवान का दर्जा दिया जाता है, यहां तो एक बेटा अपने घर आ रहा था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद पहली बार अपने चहेते सांसद के स्वागत में अमेठी की सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। जब अमेठी नई नवेली दुल्हन की तरह सजी थी, तब मुट्ठी भर लोगों ने ऐसा नंगा-नाच करने का प्रयास किया। जिसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है।
सुर्खियों में आने के लिए ऐसा घृणित प्रयास हमारा देश ‘अतिथि देवो भव’ की मान्यता वाला देश है और इस देश में घर आए मेहमान का सदैव आदर सत्कार किया जाता है और राहुल तो अपने घर आये थे। फिर इसमें ऐसा क्या था जो किसी विशेष विरोधी दल के मानिंद नेतागण सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास करने लगे। सिर्फ मीडिया की सुर्ख़ियों में स्थान पाने के लिए ऐसा घृणित प्रयास देश की राजनीति में एक बेहद गलत परंपरा की शुरूआत है। इसी अमेठी की धरा पर शरद यादव, कांशीराम, राज मोहन गांधी,
मेनका गांधी ,
स्मृति ईरानी , कुमार विश्वास जैसे दिग्गजों ने चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है। लेकिन अमेठी ने किसी का सड़को पर विरोध कर उसे अपमानित नहीं किया, बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया। लेकिन किसी विशेष विरोधी दल ने सत्ता के नशे में चूर होकर जिस निंदनीय हरकत को किया है वह सिर्फ टकराव का रास्ता है, जिससे किसी का भी भला नहीं हो सकता। अमेठी में ऐसे किसी भी प्रयास का मैं घोर विरोध करती हूं और अमेठी की महान जनता को आश्वस्त करती हूं कि
राजीव गांधी की इस धरती पर ऐसी किसी भी परंपरा को पनपने नहीं दिया जाएगा।
जनता ने नहीं किया विरोध हलांकि वहीं दबी जुबान से लोग कह रहे कि ये विरोध अमेठी की जनता नहीं कर रही है। ये विरोध स्मृति ईरानी के जो सबसे खास हैं वे लोग कर रहे हैं। लखनऊ से निगोहा बछरांवा के रास्ते से
राहुल गांधी रायबरेली के सलोन पहुंचे और रायबरेली के विधायक दलजीत कोरी के समर्थकों ने विरोध किया। वहीं अमेठी में राजेश मसाला के समर्थकों ने विरोध किया और गौरीगंज में विरोध हुआ। बीजेपी के जिला अध्यक्ष उमाशंकर पांडये के नेतृत्व में विरोध हुआ। राहुल गांधी का विरोध केवल बीजेपी के नेताओ ने मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए किया है।