हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने वर्ष 2016 में अवैध खनन मामले की जांच शुरू की थी। मामले में सीबीआई ने अब तक 11 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई है। इसमें कुछ नेताओं और अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। इन सभी पर 2012 से 2016 के दौरान अवैध खनन की इजाजत देने और लाइसेंसों के रिन्युअल का आरोप है, जबकि नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एजीटी) ने सूबे में खनन पर रोक लगा रखी थी।
अवैध खनन मामले को लेकर सीबीआई टीम लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। जनवरी में सीबीआई की टीमों ने लखनऊ, कानपुर, हमीरपुर, जालौन समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। अवैध खनन मामले में सीबीआइ ने आइएएस अफसर बी. चन्द्रकला के अलावा आदिल खान, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा और उनके भाई, खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी (हमीरपुर), एसपी के एमएलसी संजय दीक्षित, खनन क्लर्क राम अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार आरोपी हैं।
यूपी मंत्री रहे इस रेप के आरोपी की खारिज हुई याचिका, आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
रेप के आरोप में सलाखों के पीछे है गायत्रीअपहरण और छेड़छाड़ के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल में बंद है। बुंदेलखंड की निवासी एक महिला का ने पूर्व मंत्री पर आरोप लगाया था किमौरंग का पट्टा दिलाने के नाम पर गायत्री और उसके साथियों ने उससे बलात्कार किया। साथ ही आरोपितों ने उसकी नाबालिग बेटी से रेप करने की कोशिश भी की। बीते दिनों मामले में गायत्री प्रजापति ने जमानत के लिए हाइकोर्ट में अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।