सूत्रों की मानें तो अमेठी में बीजेपी के तीन बड़े गुट हैं। इनमें एक गुट केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का और दूसरा ग्रुप तत्कालीन जिलाध्यक्ष उमाशंकर पांडेय का और तीसरा गुट बीजेपी विधायक का है। इन गुटों के बीच की काफी दिनों से शीतयुद्ध की बात कही जा रही थी। 2019 में यह बीजेपी के लिये नुकसानदायक साबित हो सकता था। ऐसे में पार्टी ने संगठन को एक सूत्र में पिरोने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
2017 के विस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे उमाशंकर
जिले की राजनीति के जानकारों की मानें तो भले ही उमाशंकर पाण्डेय अब तक बीजेपी के जिलाध्यक्ष रहे हैं, लेकिन 2017 में ही उन्होंने अपना जनाधार खो दिया था। विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी लहर के बावजूद वह गौरीगंज सीट बीजेपी जीत नहीं सकी थी। गौरीगंज विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी राकेश प्रताप सिंह विजयी हुए। इतना ही नहीं इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को मोहम्मद नईम से भी आधे से कम वोट बीजेपी प्रत्याशी (उमाशंकर पांडेय) को मिले।