पाकिस्तान: इमरान खान को बड़ा झटका, कराची तट पर नहीं मिला तेल व गैस के भंडार, प्रॉजेक्ट बंद व्यक्तिव और सोच को देखने की कोशिश करती है ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमरीका की जनता का मिजाज बदला-बदला सा है। अब जनता पारंपरिक योग्यता की बजाय उम्मीदवार के व्यक्तिव और सोच को देखने की कोशिश करती है। उसका पैमाना अब बिल्कुल बदल चुका है। गौरतलब है कि अमरीका में 2020 में राष्ट्रपति चुनाव होंगे। कई मशहूर शख्सियतों ने अभी से ताल ठोकनी शुरू दी है। ट्रंप के लिए यह चुनाव कठिन हो सकता है कि क्योंकि अब उम्मीदवारों ने पिछले चुनाव के तर्ज पर अपनी तैयारी कर रखी है। उन्हें मालूम है कि जनता का मूड किस तरफ है। ट्रंप ने पिछले चुनाव में जमकर राष्ट्र भक्ति का प्रचार किया था। उन्होंने अमरीकियों के लिए नौकरी जैसा प्रमुख मुद्दा उठाया। अमरीका में आने वाले प्रवासियों पर लगाम लगाई।
अमरीका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भपात कानून पर तोड़ी चुप्पी, कहा- विशेष स्थिति में मिलनी चाहिए इजाजत जनता की सोच को बदलने में मदद की है बॉब टाइसन एक सेवानिवृत्त डेटाबेस सलाहकार हैं, जो चैपल हिल में रहते हैं। वह एक ट्रंप समर्थक हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रपति ने सर्वोच्च पद को धारण करने के लिए आवश्यक गुणों के बारे में जनता की सोच को बदलने में मदद की है। सेलिब्रिटी व्यक्तित्व और मीडिया में एक छवि को पेश करना पारंपरिक योग्यता से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि यह मुझे अलग तरह से सोचने पर मजबूर करता है। राज्य के गवर्नर या अमरीकी सीनेटर होने का पारंपरिक रास्ता उतना टेढा नहीं है। राष्ट्रपति की योग्यता अब मीडिया में अपने विचारों को पेश करने पर निर्भर है। ओबामा और ट्रंप के बीच कुछ समानताएं और विभिन्नताएं हैं जो उनके व्यक्तिव को करिश्माई बनाती हैं। पेश है ऐसी कुछ विशेषताएं।
– ओबामा को अमेरिका के कई कॉर्पोरेट लीडरों ने अविश्वसनीय माना था और ट्रम्प उनमें से एक थे। ट्रंप भी इस तरह का भरोसा दिखाते हैं।
– ओबामा वॉशिंगटन से शासन चलाना पसंद करते थे, ताकि वे एक अच्छा शासन चला सके, जबकि ट्रंप के लिए व्हाइट हाउस पसंद की जगह है।
– ओबामा अपने एजेंडा पर काम करते थे और वह पब्लिक में आकर घोषणा करते थे। वहीं ट्रंप ट्वीट करने में ही विश्वास रखते हैं।
– ओबामा नीतिगत फैसलों को बहुत अच्छी तरह समझते थे, वहीं ट्रंप के बारे में ऐसा बिल्कुल नहीं लगता, वे किसी विषय की तैयारी करने के लिए मेहनत करते हैं मगर उनके लिए इतिहास मायने नहीं रखता है।
– ओबामा हमेशा लो प्रोफाइल पर राजनीति करते थे। वह किसी रेस्टोरेंट या आम जगहों पर जाकर जनता से बातचीत करने में विश्वास रखते थे। ट्रंप की राजनीति हाई प्रोफाइल रही है। वह सोशल मीडिया को अपने प्रचार का सबसे सशक्त माध्यम मानते हैं।
– मीडिया पर दोनों शख्सियतों ने अच्छी पकड़ रखी। दोनों अपने बयानों से सुर्खियों में रहे हैं। खासकर ट्रंप अपने
तीखे बयानों को लेकर हमेशा से चर्चा में रहे। दोनों एजेंडा सेट करने में माहिर हैं।
– ओबामा से ट्रंप तक अमरीका में जनता का मिजाज लगातार बदला है। जनता में युवा अब साफ सुथरी छवि वाले प्रशासक को पसंद कम करते हैं। उन्हें तेज तरार व्यक्ति से ज्यादा लगाव है। अपने भाषणों में कई बार ट्रंप को आवेग में आते देखा गया है। जिसे जनता पसंद करती है।
– बाहरी लोगों के मुद्दे को ओबामा और ट्रंप दोनों ने भुनाया है। दोनों राष्ट्र अध्यक्ष अमरीका फर्सट की नीति पर चले।
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