लाहौर की दरगाह में बम धमाका, आठ लोगों की मौत, पच्चीस घायल 2010 में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी दो बेटियां पहले ही देश छोड़ कर कनाडा पहुंच चुकी हैं, जहां उन्हें शरण दिया गया है। गौरतलब है कि पड़ोसियों से झगड़े के दौरान वर्ष 2009 में उन पर पैग़म्बर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगाया गया था। साल 2010 में निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। आसिया बीबी आठ साल जेल में रहीं। बीते साल पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने उन्हें निर्दोष क़रार दिया। इसके विरोध में पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। कट्टरपंथी ताकत उसे खुद मार देना चाहती थीं।
अमेजन के खिलाफ महिला कर्मियों ने भेदभाव का लगाया आरोप, कहा- गर्भवती होने पर नौकरी से निकाला खुद को निर्दोष बताती आई हैं पाकिस्तान में कैद आसिया बीबी शुरू से ही खुद को निर्दोष बताती आई हैं। उनका कहना थी कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया था। उन्हें जानबूझ कर कर फंसाया जा रहा है। पाकिस्तान में ईशनिंदा एक बहुत संवेदनशील विषय हमेशा से रहा है। आलोचकों का कहना है कि इस क़ानून का हमेशा गलत उपयोग होता है और इसमें अक्सर अल्पसंख्यकों को फंसाया जाता है। ये पूरा मामला 14 जून, 2009 का है जब एक दिन आसिया नूरीन अपने घर के पास पानी भरने पहुंची थीं। तभी वहाँ मौजूद महिलाओं से उनका झगड़ा हो गया। आसिया बीबी ने अपनी एक किताब में उस दिन का ज़िक्र भी किया है।
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