दरअसल, US कांग्रेस ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि पाक को मिलने वाली सुरक्षा सहायता ( US Aid To Pakistan ) आगे भी बंद रहेगी।
टूट गई पाकिस्तान की उम्मीद
इमरान खान के दौरे से पहले आई इस रिपोर्ट में कहा गया कि जब तक पाकिस्तान आतंकी समूहों के खिलाफ कोई निर्णायक कदम नहीं उठाता, तब तक उसे मिलने वाली वित्तीय सहायता पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में पाक को दी जाने वाली हर तरह की सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी। पाक पीएम के अमरीका दौरे के ऐलान के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही थी, अमरीका इस प्रतिबंध पर पुनर्विचार कर सकता है, लेकिन US कांग्रेस की इस रिपोर्ट ने उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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रिपोर्ट में पाक को लेकर कई दावे
बता दें कि एक ओर यह पाक पीएम का पद संभालने के बाद इमरान खान का पहला अमरीका दौरा है, तो वहीं ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह किसी भी पाकिस्तानी पीएम का यह पहला आधिकारिक दौरा है। इसके पहले ही कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) ने पाकिस्तान पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया कि पाकिस्तान में कई इस्लामी चरमपंथियों और आतंकी समूहों को पनाह दी जाती है। और माना जाता है कि पाक की हर नई सरकार इसे बर्दाश्त करती है।
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रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाक के उसके पड़ोसियों के साथ हुए कई बड़े संघर्षों में भी कुछ संगठनों ने प्रतिनिधि बनकर इसका समर्थन किया। रिपोर्ट में अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन के पाक में पनाहगाही के चलते US-पाक के द्विपक्षीय संबंधों पर इसके प्रभाव का भी जिक्र किया गया है। साथ ही रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप प्रशासन ने पिछली सरकारों के मुकाबले पाक पर ज्यादा सख्त रवैया अपनाया है। ट्रंप के नेतृत्व में अमरीका ने पाक की वित्तीय मदद में कटौती और सुरक्षा संबंधित सहायता पर प्रतिबंध जैसे कड़े फैसले लिए हैं।