मॉनसून की पहली बारिश में ही शहर की सड़कें बनीं तालाब, घुटने तक भरा पानी, खुली ड्रेनेज सिस्टम की पोल
Weather Update: एक घंटे तक हुई झमाझम बारिश में शहर के मनेंद्रगढ़ रोड, बनारस रोड समेत अन्य सड़कों पर भर गया पानी, जल जमाव (Water jam) की स्थिति हो गई निर्मित, स्कूल से लौट रहे छात्र-छात्राओं के लिए बनी मुसीबत
अंबिकापुर. Weather Update: मॉनसून की पहली बारिश ने ही शहरी क्षेत्र की सूरत बिगाड़ दी है। शहर के मनेन्द्रगढ़ रोड स्थित पीजी कॉलेज के पास मुख्य सड़क तालाब (Roads like pond) में तब्दील हो गया। घुटने भर पानी में लोग आवागमन करते रहे। वहीं नाली जाम होने की वजह से बारिश का पानी सड़कों व कई घरों में घुस गया है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच देखने को मिली। स्कूल व कोचिंग संस्थान से लौटने के दौरान उन्हें घुटने पर पानी से होकर गुजरना पड़ा।
लंबे इंतजार के बाद आखिर मॉनूसन ने दस्तक दे दी। शनिवार को जिला मुख्यालय अंबिकापुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इस मानसून सत्र की अच्छी वर्षा हुई है। प्रात: 8.30 बजे तक जहां 28.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई वहीं दिन में 1 बजे से 2.30 बजे तक तेज मेघ गर्जन के साथ 44.0 मिमी की मूसलाधार वर्षा हुई है।
दोपहर में लगभग डेढ़ घंटे हुई मूसलाधार बारिश से अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ मार्ग पर स्थित पीजी कॉलेज के सामने तालाब जैसी स्थिति निर्मित हो गई। पानी की निकासी की सही व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी सड़क पर जमा हो गया। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
लोग घुटने भर पानी में आवागमन करते रहे। वहीं मूसलाधार बारिश होने से मौसम सुहाना रहा। लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली। शहर के कई क्षेत्रों में बारिश का पानी घरों में भी घुस जाने से परेशानी बढ़ गई।
खेती किसानी में जुटे किसान वैसे तो किसान प्री मानूसन में ही खती किसानी का काम शुरू कर दिया था। वहीं मानूसन की शुरूआत अच्छी होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। मूसलाधार बारिश होने से खेतों में भी पानी भर गया है। किसान धान बीज की बोनी करने में जुट गए हैं।
IMAGE CREDIT: Monsoon rainबना है चक्रवाती घेरा मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार पश्चिमी राजस्थान में एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है। इससे उत्पन्न हुई पूर्व-पश्चिम द्रोणिका पश्चिमी राजस्थान से पूर्वी राजस्थान, उत्तरी मध्यप्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़, झारखंड से होते हुए गांगेय पश्चिम बंगाल तक समुद्र तल से 0.9 किमी की ऊंचाई पर विस्तृत है।
झारखंड से ओडि़सा के उत्तरी अंदरूनी भाग में एक अन्य चक्रवाती घेरा निर्मित है। उधर उत्तरी अंडमान सागर से मध्य-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक समुद्र में चक्रवाती परिसंचरण आकार ले रहा है। अरब सागर में भी गुजरात से केरल तक तटीय द्रोणिका सक्रिय है।
Hindi News / Ambikapur / मॉनसून की पहली बारिश में ही शहर की सड़कें बनीं तालाब, घुटने तक भरा पानी, खुली ड्रेनेज सिस्टम की पोल