कार्यक्रम की शुरूआत माता राजमोहिनी देवी के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। उन्होंने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि सरगुजा को तम्बाकू मुक्त जिला (Tobacoo free district) बनाने की मुहिम शुरू कर दी गई है। 1 अपै्रल से लोगों को कड़े नियमों का पालन कराया जाएगा, ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
तंबाकू कोई खाद्य पदार्थ नहीं
तंबाकू नियंत्रण जिला नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार की मंशा तंबाकू बंद करने की है। तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो जहर का काम करता है। यह कोई खाद्य पदार्थ नहीं है। यह शरीर में जहर का काम करता है।
40 देशों ने मिलकर बनाया था कोटपा अधिनियम
डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण हेतु वर्ष 2003 में कोटपा अधिनियम लागू किया गया था। यह नियम ४० देशों ने मिलकर बनाया है। ताकि इस नियम को सख्ती से लागू किया जा सके। धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान का प्रतिषेध, अगर कोई भी व्यक्ति खुले में धूम्रपान करते पाया गया या दुकानदार पर 200 रुपए का जुर्माना का नियम है।
तंबाकू के दुष्प्रभावों संबंधी तथ्य
1. तंबाकू रोकी जा सकने वाली मौत एवं बीमारियों का दुनिया का सबसे बड़ा कारण है।
2. प्रत्येक वर्ष दुनिया में 55 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तम्बाकू के कारण होती है।
3. प्रत्येक वर्ष भारत में 8 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तम्बाकू के कारण होती है। जो कि संयुक्त रूप से एड्स, टीबी एवं मलेरिया से होने वाली मौत से भी अधिक है।
4. प्रतिदिन भारत में 2200 लोग की मौत तम्बाकू सेवन से हो जाती है।
5. प्रत्येक 100 कैंसर मरीजों में से 40 मरीजों में कैंसर का कारण तम्बाकू होता है। मुख कैंसर के सभी मरीजों में से लगभग 95 प्रतिशत तंबाकू सेवन के होते हैं।
6. तम्बाकू के प्रयोग से स्ट्रोक, हार्ट अटैक, फेफड़ों के रोग, अंधापन एवं अन्य बीमारियां होतीं हंै।