गौरतलब है कि दशहरा का यह पारंपरिक उत्सव सदियों से रघुनाथ पैलेस सरगुजा में मनाया जाता है, जिसमें महाराजा कचहरी में दरबार लगाते हैं और फिर अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों से मुलाकात करते हैं।
पुरानी परंपरा अनुसार राजपरिवार से जुड़े लोग इस अवसर पर महाराजा को नजराना भेंट कर दशहरा की बधाई देते हैं तथा क्षेत्र के रक्षा का संकल्प लेते हैं। दशहरा पर रघुनाथ पैलेस सरगुजा में सरगुजा संभाग के अलग-अलग क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से आमजनों हेतु रघुनाथ पैलेस को खोला जाएगा। यहां महाराजा टीएस सिंह देव एवं भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव एवं बहुरानी त्रिशाला सिंहदेव आमजनों से मुलाकात करेंगे।
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हाथी पर निकलता था जुलूसदशहरा त्यौहार पर रियासतकाल में हाथी पर नगर में जुलूस निकलता था। इसमें काफी संख्या में हाथी सम्मिलित होते थे और राजा हाथी पर बैठ कर पहले बिलासपुर रोड स्थित बंजारी मठ जाकर नीलकंठ की पूजा करते थे।
इसके बाद शहर के इमलीपारा में स्थित गद्दी की पूजा पश्चात आमजनों से मुलाकात करते थे। हाथी पर निकलने वाला जुलूस 1967-68 में बंद हो गया। इसके बाद से अन्य परम्पराओं का निर्वहन पीढ़ी दर पीढ़ी लगातार चली आ रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दशहरे की दीं शुभकामनाएं
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने दशहरा पर सरगुजा संभाग सहित प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए संभाग एवं प्रदेश के उन्नति की कामना की है।