वहीं इस मामले में पुलिस के आला अधिकारी अपने मातहतों पर कार्रवाई करने से हाथ खींच रहे थे। 3 दिन बाद पुलिस
(Surguja Police) ने पिटाई मामले में लिप्त एएसआई व आरक्षक (ASI and Constable) को निलंबित करते हुए विभागीय जांच शुरु की है।
एसपी के इस आदेश को पुलिसकर्मियों ने दिखाया ठेंगा, एक एसआई समेत 15 पुलिसकर्मी निलंबित
गौरतलब है कि
सरगुजा जिले के दरिमा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करजी निवासी सत्यम गुप्ता के घर 16 मई की रात दरिमा थाने में पदस्थ
एएसआई अरुण गुप्ता व कोतवाली में पदस्थ
आरक्षक सत्येंद्र दुबे समेत अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे थे। यहां पहुंचते ही उन्होंने युवक की पिटाई शुरु कर दी तथा उसकी मां से गाली-गलौज की।
पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया था कि युवक ने उनकी गाड़ी का शीशा तोड़ा है जबकि ऐसा कोई प्रमाण पुलिसकर्मियों के पास मौजूद नहीं था। वहीं युवक जब शिकायत करने दरिमा थाने में पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने शिकायत लेने से मना कर दिया। तहसीलदार भूषण मंडावी के हस्तक्षेप के बाद मामले में शिकायत दर्ज की गई।
रात में घर के बाहर बैठे युवक से 2 नकाबपोशों ने हालचाल पूछा और मार दी गोली, पत्नी पर भी किया फायर
दोनों पुलिसकर्मी सस्पेंडइस संबंध में
ग्रामीण सीएसपी संजय दत्त तिवारी ने बताया कि युवक ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी, जिसके बाद विभाग ने दोषी एएसआई अरुण गुप्ता और आरक्षक सत्येंद्र दुबे को निलंबित कर दिया है और इनके खिलाफ विभागीय जांच
(Departmental inquiry) भी शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि शुरु में विभाग द्वारा पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही थी और सारा दोष पीडि़तों पर ही मढ़ा जा रहा था, लेकिन बाद मे जब पुलिस महकमे की किरकिरी होने लगी तो कार्रवाई की गई।