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अंबिकापुर

ऑनलाइन ठगी का पुलिस के पास भी कोई तोड़ नहीं, शातिर नए तरीकों से फंसा रहे जाल में, बचने करें ये काम

Online Fraud: डिजीटल लेन-देन (Digital transaction) के साथ ठगी के मामलों में भी इजाफा, अधिकांश मामले में अब तक पुलिस (Surguja police) को नहीं मिली सफलता

अंबिकापुरMar 04, 2021 / 11:42 pm

rampravesh vishwakarma

ऑनलाइन ठगी का पुलिस के पास भी कोई तोड़ नहीं, शातिर नए तरीकों से फंसा रहे जाल में, बचने करें ये काम

Online swindle

अंबिकापुर. ऑनलाइन लेन-देन (Online transaction) के बढऩे के साथ-साथ ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। ठग नए-नए तरीके से लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। पहले जहां अधिकतर ठगी के मामले ओएलएक्स (OLX) पर सामान बेचने के नाम पर आते थे अब वहीं ठगों ने भी अपने तरीके बदल लिए हैं।
अलग-अलग तरीकों से लोगों से मोटी रकम ठगी जा रही है। शिकायत के बाद भी पुलिस इन ठगों तक नहीं पहुंच पाती। सरगुजा में भी 2019 वर्ष के बाद ऑनलाइन ठगी के मामले में काफी इजाफा हुआ है। जिले में वर्ष 2019 में 77 प्रकरण ऑनलाइन ठगी के सामने आए थे।
वहीं यह आंकड़ा वर्ष 2020 में बढ़कर 118 पहुंच गया है। पुलिस विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आए हैं।


वाहन बेचने के नाम पर ठगी
लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए आजकल ठगों ने फेसबुक पर पेज बना रखा है, जिस पर अधिकतर नए-नए मॉडल की गाडिय़ों की पोस्ट डाली जाती है। इसके बाद उसे बेहद सस्ते दामों पर बेचने का झांसा दिया जाता है। इस तरह के मामले में जिले के कई ऐसे लोग हैं वाहन खरीदने के नाम पर लाखों रुपए गवां चुके हैं।

नौकरी के नाम पर ठगी
बेरोजगार लोग हर समय काम की तलाश में रहते हैं। ऑनलाइन ठगी अचानक फोन कर लोगों को अच्छी नौकरी व ज्यादा सैलरी की नौकरी लगवाने का झांसा दिया जाता है। बेरोजगार लोग नौकरी की लालच में आ जाते हैं और लोग लाखों रुपए ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते हैं। जिले के लगभग थाने में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

बैंककर्मी बनकर ठगी
सबसे ज्यादा ठगी बैंककर्मी बता कर की जाती है। इनके झांसे में अच्छे-अच्छे लोग आकर ठगी के शिकार हो जा रहे हैं। ठगी किसी तरह नंबर जुगाड़ कर फोन करते हैं और एटीएम कार्ड बंद होने व क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ाने सहित अन्य झांसा देकर बैंक डिटेल ले लेते हैं। यहां तक कि लोग अपना गोपनीय पिन नंबर तक बता देते हैं। इसके बाद ठग बैठे-बैठे खाते से रुपए उड़ा देते हैं।

ऐसे करें बचाव
1. फेसबुक प्रोफाइल पर प्राइवेसी लगाकर रखनी चाहिए। साथ ही अन्य किसी भी अनजान व्यक्ति की रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करनी चाहिए। यदि कोई उधार रुपये मांगता है तो पहले संबंधित व्यक्ति को फोन कर पूरी जानकारी लें।
2. यदि कोई व्यक्ति नौकरी लगवाने का झांसा देता है तो संबंधित कंपनी में जाकर उसकी पूरी जानकारी जुटाई जाए। शक होने पर पुलिस को सूचना दें।
3. यदि कोई बैंककर्मी बनकर आपसे पिन नंबर या खाते से संबंधित अन्य जानकारी मांगता है तो उसे जानकारी न दें। बैंककर्मी भी खाते से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांग सकते।
4. कोई व्यक्ति टावर लगवाने के नाम पर झांसा देता है तो पहले उक्त कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करें, तभी आगे की कोई प्रक्रिया पूरी करें।
5. फेसबुक पेज पर यदि कोई सस्ता वाहन बेचने का दावा करता है तो पहले उस व्यक्ति से मिलकर पूरी जानकारी जुटा लें।

लोगों से सावधानी बरतने की अपील
जिले में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ठग नए-नए तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस द्वारा जागरुकता अभियान चलाया जाता है। लोगों से अपील है कि लोग ऑनलाइन लेन देन काफी सावधानी पूर्वक करें और किसी भी अंजान व्यक्ति को फोन पर अपने बैंक खाता संबंधी जानकारी न दें।
भारद्वाज Singh, टीआई कोतवाली

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