scriptVideo: बाल्टियों में पानी भरकर हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर चढ़ती हैं नर्सिंग छात्राएं, परेशानी बताने कलक्टोरेट में किया प्रदर्शन | Nursing student protest: Nursing student protest for water | Patrika News
अंबिकापुर

Video: बाल्टियों में पानी भरकर हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर चढ़ती हैं नर्सिंग छात्राएं, परेशानी बताने कलक्टोरेट में किया प्रदर्शन

Nursing students protest: सुविधाओं के अभाव में हॉस्टल में रह रहीं शासकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं, 50 बेड वाले हॉस्टल में 120 छात्राए रहने को हैं विवश

अंबिकापुरJan 20, 2020 / 08:01 pm

rampravesh vishwakarma

Video: बाल्टियों में पानी भरकर हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर चढ़ती हैं नर्सिंग छात्राएं, परेशानी बताने कलक्टोरेट में किया प्रदर्शन

Nursing students protest

अंबिकापुर. नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने सोमवार को कलक्टोरेट पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल छात्राएं हॉस्टल स्थानांतरित होने के बाद पानी सहित अन्य सुविधाओं के अभाव में रहने को मजबूर हैं। बोर खराब होने के कारण उन्हें टैंकर का पानी बाल्टियों में भरकर हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर चढऩा पड़ता है।
सुविधाओं की मांग को लेकर नर्सिंग छात्राओं ने पढ़ाई छोडक़र कलक्टोरेट में विरोध प्रदर्शन किया। राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा समीक्षा बैठक लेने की वजह से कलक्टर तो छात्राओं से नहीं मिले, लेकिन एसडीएम ने कक्ष से बाहर निकलकर किसी तरह छात्राओं को मनाया और उन्हें कॉलेज वापस भेजा।
शासकीय नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल का संचालन पूर्व में तुर्रापानी गांधीनगर में संचालित किया जा रहा था। यहां हॉस्टल सहित सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं, लेकिन एक महीने पूर्व आनन-फानन में हॉस्टल को प्रशासन द्वारा स्थानांतरित कर दिया गया। हॉस्टल को ऐसी जगह स्थानांतरित कर दिया गया, जहां सुविधा के नाम पर न तो ठीक से कमरे हैं और न ही पानी की व्यवस्था है।
पानी सहित अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर सोमवार को नर्सिंग कॉलेज प्रथम वर्ष की छात्राओं ने कलक्टोरेट पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी। छात्राएं कलक्टोरेट कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गईं और उनका एक ही मांग थी, जब तक उनके हॉस्टल में सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती है, वे वहां से नहीं हटेंगी।
इधर कलक्टोरेट सभाकक्ष में राज्य निर्वाचन आयुक्त पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ले रहे थे। इसकी वजह से कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर छात्राओं से नहीं मिले, उनके कहने पर एसडीएम अजय त्रिपाठी ने सभाकक्ष से बाहर निकलकर छात्राओं से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने का आश्वासन दिया।
इसके बावजूद छात्राएं वहीं खड़ी रहीं। तब एसडीएम ने उन्हें कहा कि आप कॉलेज जाएं, वहीं आपसे मिलकर आपकी समस्या का हल निकाला जाएगा। इस दौरान काफी संख्या में बीएससी नर्सिंग की छात्राएं प्रदर्शन में शामिल हुर्इं।
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पानी की समस्या के लिए निगम जिम्मेदार
छात्राओं के विरोध प्रदर्शन की जानकारी जैसे ही नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षक को लगी, वे भी कलक्टोरेट पहुंच गईं। उन्होंने पहले सभी छात्राओं को बिना किसी शिकायत दिए ही वापस लौटने को कहा। इसके बावजूद डरी-सहमी छात्राओं ने बिना अधिकारियों से मुलाकात किए वापस लौटने से इंकार कर दिया।
अधीक्षिका तृप्ति सोनी ने कहा कि कॉलेज में प्रबंधन द्वारा मिनरल वाटर का जार मंगाए जाते हंै और पानी की समस्या के लिए नगर निगम को लिखा गया है, लेकिन टैंकर नहीं दिए जाने से यह समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन नहीं, बल्कि निगम प्रशासन जिम्मेदार है।

हॉस्टल में है मूलभूत सुविधाओं का अभाव
छात्राओं का कहना था कि हॉस्टल आनन-फानन में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन जहां स्थानांतरित किया गया, वहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। छात्रावास में पानी की व्यवस्था नहीं है। छात्राओं का कहना था कि अपने दैनिक उपयोग के लिए भी हमें पानी बाल्टियों में भरकर ऊपर तीसरी मंजिल पर ले जाना पड़ता है।
इसकी वजह से हमें चोटें भी आईं। २० दिसम्बर से हमारी छुट्टियां शुरू हो गईं और कहा गया कि जब हम ५ जनवरी को वापस आएंगे तो पानी की समस्या हल कर दी जाएंगीं। छुट्टी से जब वापस आए तो पानी की समस्या यथावत बनी रही। यह सिलसिला 14 जनवरी तक चला और बोरवेल भी खराब हो गया।
प्रबंधन द्वारा निगम से एक टैंकर मंगवाए जाने का आश्वासन दिया गया। छात्रावास में रहने वाली सभी छात्राओं को प्रथम तल पर पानी भरकर ले जाना पड़ रहा है।


50 बेड के हॉस्टल में 120 छात्राएं
शासकीय नर्सिंग कॉलेज का निर्माण वर्ष 2011 में गंगापुर में सरकार द्वारा कराया जा चुका है, लेकिन इसे मेडिकल कॉलेज को हैंडओवर कर दिया गया है। इसकी वजह से अब नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं को कहीं भी शिफ्ट कर दिया जा रहा है।
वर्तमान में छात्राओं को जिस हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है वह 50 बेड का है, लेकिन यहां नर्सिंग कॉलेज की 120 छात्राओं को रखा गया है। यहां 120 छात्राओं के लिए 3 शौचालय व 3 यूरिनल हंै। इसकी वजह से भी छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

निरीक्षण कर किया जाएगा निराकरण
छात्राओं की कुछ बेसिक समस्याएं थीं। छात्राओं को समझाया गया है। एक बार वार्डन व प्राचार्य के साथ हॉस्टल का निरीक्षण कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
अजय त्रिपाठी, एसडीएम, अंबिकापुर

जल्द दूर की जाएंगीं समस्याएं
छात्रावास में पानी की समस्या है। इसके लिए 30 केन पानी मंगाया जाता है। छात्राओं की समस्याओं को जल्द ही दूर किया जाएगा।
तृप्ति सोनी, प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज

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