इससे बकायादारों में हडक़ंप मचा हुआ है। इसी बीच अब संपत्ति (Property tax) व समेकित करों का वर्षों से भुगतान नहीं करने वालों पर सख्ती की तैयारी की जा रही है। संपत्ति व समेकित कर के 1 लाख से रुपए से ऊपर के 50 बकायादारों को नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि निगम की आय का सबसे बड़ा जरिया संपत्ति, समेकित व जल कर ही है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में शत-प्रतिशत करों की वसूली नहीं होने के कारण निगम की वित्तीय स्थिति खराब हो जाती है। अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन भुगतान व अन्य कार्यों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
वित्तीय स्थिति सुधारने करों की शत-प्रतिशत वसूली हेतु कई बार पहल हुई लेकिन सख्ती नहीं किए जाने के कारण हालात जस के तस ही हैं। इस बार निगम प्रशासन (Nigam administration) एक्शन मोड में नजर आ रहा है। इस बार अभियान चलाकर जल, संपत्ति व समेकित कर की वसूली की जा रही है।
इसमें विशेषकर बड़े बकायादार को पहले टारगेट किया गया है, जो वर्षों से करों की रकम पर कुंडली मारकर बैठे हैं। दरअसल बड़े बकायादारों में अधिकांश अपनी रसूख के दम पर वर्षों से करों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, इनसे करों की वसूली में निगम कर्मचारियों के भी पसीने छूट जाते हैं, लेकिन निगम प्रशासन ने ऐसे सभी लोगों से शत-प्रतिशत करों की वसूली करने की ठान ली है।
पहले जल कर के बड़े बकायादारों को नोटिस जारी करने के साथ ही कनेक्शन काटने की कार्रवाई की गई, अब संपत्ति व समेकित कर नहीं चुकाने वालों को निगम द्वारा समयावधि में भुगतान हेतु नोटिस जारी किया गया है।
शुरू किया गया अभियान
निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने बताया है कि राजस्व शाखा (Revenue department) के संपत्ति व समेकित कर के बड़े बकायादारों से वसूली हेतु अभियान शुरू किया गया है। पहले चरण में 1 लाख रुपए से ऊपर के 50 बकायादारों को नोटिस जारी कर संपत्ति व समेकित कर का भुगतान करने को कहा गया है।
साथ ही वसूली भी जारी है। जो भी बकायादार निश्चित समयावधि में करों का भुगतान नहीं करेगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।