मैनपाट में एक और झरने की खोज हुई है, इसका नाम भूतइया झरना है। यह अब तक लोगों की पहुंच से दूर रहा है। ऐसे में मैनपाट में एक और अच्छा पर्यटन स्थल बन सकता है।
इस संबंध में प्रभारी वनपाल फेंकू चौबे ने बताया कि बॉयो डायवर्सिटी पार्क के पास भूतईया नाला का उदगम स्थल है जहां से पानी सालभर निकल कर नाला के रूप में बहता है। वन विभाग द्वारा यहां करीब एक करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से अर्दन डेम का निर्माण करीब एक वर्ष से कराया जा रहा है।
नाले को किया गया है चौड़ा और गहरा
प्रभारी वनपाल ने बताया कि उद्गम स्थल के पास नाला काफी संकरा था, जिसे खुदाई कर चौड़ीकरण व गहरीकरण कराया गया है। अब इस नाला में करीब 40 फुट पानी भरा है। भूतइया नाला के इस स्थान को पर्यटन पॉइंट एवं बोटिंग क्लब के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है।
प्रभारी वनपाल ने बताया कि उद्गम स्थल के पास नाला काफी संकरा था, जिसे खुदाई कर चौड़ीकरण व गहरीकरण कराया गया है। अब इस नाला में करीब 40 फुट पानी भरा है। भूतइया नाला के इस स्थान को पर्यटन पॉइंट एवं बोटिंग क्लब के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है।
उन्होंने बताया कि इस डेम के बनने से ग्राम सुपलगा और बिसरपानी के किसानों को खेती के लिये सिंचाई की सुविधा मिलेगी वही पर्यटन बढ़ेगा तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
किसानों को होगा फायदा
ग्राम बिसरपानी के ओंकार नाथ यादव एवं रोपाखार के अजीत एक्का ने बताया कि इस डेम के बनने से सुपलगा व बिसरपानी तक नहर से पानी किसानों के खेत तक पहुंच जाएगा, जिससे किसानों को फायदा होगा।
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किसानों को होगा फायदा
ग्राम बिसरपानी के ओंकार नाथ यादव एवं रोपाखार के अजीत एक्का ने बताया कि इस डेम के बनने से सुपलगा व बिसरपानी तक नहर से पानी किसानों के खेत तक पहुंच जाएगा, जिससे किसानों को फायदा होगा।
साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से सडक़ बन जाएगा। लोग भ्रमण के लिए आएंगे तो स्थनीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसलिए इस डेम का कई मायनों में महत्व बढ़ेगा।