गौरतलब है कि कर्मचारियों द्वारा इस वर्ष 29 से 31 मई तक काली पट्टी लगाकर कार्य किया गया। वहीं 2 जून को रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व 9 जून को सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया गया था। लेकिन मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया। कर्मचारियों से 15 घंटे तक काम लिया जा रहा है।
बावजूद इसके किसी प्रकार की कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जा रही है। एंबुलेंस में जीवन रक्षक आवश्यक उपकरण, दवाइयां एवं ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं रहती। टेंडर में उल्लेख है कि 2.5 लाख किमी चल जाने पर नई एंबुलेंस से सेवा का संचालन किया जाएगा। लेकिन 2.5 लाख किमी से अधिक चलने के बाद भी सडक़ों पर एम्बुलेंस दौड़ रही है।
वहीं 8 से 10 हजार किमी चलने पर भी सर्विसिंग होना है मगर 20-25 हजार किमी चलने पर सर्विसिंग कराया जाता है। ऐसे में एम्बुलेंस समय पूर्व जर्जर हो चुके हैं। एम्बुलेंस खराब होने पर कर्मचारियों से भी राशि वसूल की जाती है। कर्मचारियों को अकारण रायपुर बुलाकर परेशान किया जाता है। इससे कर्मचारी डर-भय युक्त माहौल में नौकरी करने को विवश है।
सास को देखकर बिगड़ गई 2 दामाद की नीयत, करने लगे घिनौनी हरकत, ससुर ने मना किया तो कर दी हत्या
समस्याओं को लेकर कई बार कराया गया है अवगतमहतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों का कहना है कि उपरोक्त समस्याओं की शिकायत कई बार शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से की गई, लेकिन समाधान होता नजर नहीं आ रहा। उक्त ठेका कंपनी ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस की गुणवत्ता और कर्मचारियों की कार्य क्षमता को प्रभावित कर दिया है।
यही हाल 102 महतारी एम्बुलेंस का भी है। आंदोलन के प्रथम चरण में 21 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। 108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा और 102 महतारी एंबुलेंस सेवा बाधित होने की दशा में सम्पूर्ण जिम्मेदारी सेवा प्रदाता ठेका कंपनियों व सरकार की होगी।
रमेश भाई ओझा बोले- धर्म कोई गेंद नहीं कि राजनीतिक पार्टियां खेलें, राजनीति में धर्म होना चाहिए, धर्म में राजनीति नहीं
ये हैं मांगें102 महतारी एंबुलेंस सेवा का नई सेवा प्रदाता ठेका कंपनी के द्वारा जारी भर्ती विज्ञापन को निरस्त करे, 10 वर्षों से उक्त सेवा में कार्य करने वाले अनुभवी कर्मचारियों को उनके वर्तमान कार्य स्थल पर पुन: पदस्थापना किया जाए और 2018 से शेष बचे कर्मचारियों का समायोजन किया जाए।
पूर्व बकाया वेतन का भुगतान तुरंत किया जाए और कर्मचारियों को प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान किया जाए। 2018 से 2023 तक का वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ, यथाशीघ्र एरियर्स के रूप में एकमुश्त भुगतान किया जाए। अतिरिक्त कार्य ओवर टाइम का भुगतान किया जाए। मुख्यमंत्री के वादे के अनुसार ठेका प्रथा से हटाकर, सरकार द्वारा स्वयं संचालन कर 60 साल तक नौकरी की गारंटी दी जाए।