दरअसल आरोपी पति ने हत्या (Murder) के बाद थाने में जाकर सीढ़ी से गिरने से मौत होना बताया था, जबकि पीएम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने दम घुटने से मौत की पुष्टि की थी। इस मामले में आरोपी पति को गिरफ्तार कर जेल भेज गया था।
कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सोनपुर कला निवासी शमा परवीन की शादी 10 वर्ष पूर्व मो. रज्जब मंसुरी उर्फ मो. रज्जब हुसैन 38 वर्ष से हुई थी। उनकी एक पुत्री भी थी जो दिव्यांग थी। घर बेचने से मिले 2 लाख रुपए को शमा परवीन अपनी बेटी के नाम फिक्स कराना चाहती थी लेकिन पति इसके लिए तैयार नहीं था।
इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होता रहता था। इधर पति ने दूसरी लड़की को भी पत्नी बनाकर घर पर रखा था। 3 मार्च 2018 की रात करीब 11 बजे इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। इस बीच पति ने लोहे की सीढ़ी पर चढ़कर ईंट रख रही पत्नी को लात मारकर नीचे गिरा दिया और उसके ही दुपट्टे से गला दबाकर हत्या (Pressed throat from scarf) कर दी थी।
फिर उसने दुपट्टे को बांक नदी में जाकर फेंक दिया था। इसके बाद वह कोतवाली पहुंचा और थाने में सूचना दी कि उसकी पत्नी की मौत सीढ़ी से गिरने से हुई है। पीएम रिपोर्ट में डॉक्टरों (Doctors) ने दम घुटने से मौत की पुष्टि के बाद पुलिस ने धारा 302, 203 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरु की।
इस मामले में पुलिस ने पति से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म (Crime) कबूल कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने 2 मई को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
मिला आजीवन कारावास
इस मामले में मिले सबूतों व सभी गवाहों का कथन सुनने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर जयदीप गर्ग ने मंगलवार को आरोपी पति मो. रज्जब मंसुरी उर्फ रज्जब हुसैन को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास (Lifetime imprisonment) तथा धारा 203 के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड नहीं पटाने पर 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी।