इस कैफे में 1 किलो प्लास्टिक कचरा लाने वाले व्यक्ति को पूर्ण भोजन दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर कोई 500 ग्राम प्लास्टिक कचरा जमा करता है तो उसे भरपेट नाश्ता दिया जाएगा।
अंबिकापुर, जिसे इंदौर के बाद दूसरे सबसे स्वच्छ शहर के रूप में जाना जाता है, यहां पर प्लास्टिक की चीजों को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए सडक़ निर्माण में भी प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। अंबिकापुर में पहले से ही प्लास्टिक और डामर से बनी सडक़ है।
अंबिकापुर में कचरा कैफे बस स्टैंड में संचालित होगा। नगर निगम ने गारबेज कैफे के लिए 5 लाख का बजट प्रदान किया है। जिसमें प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने वालों को फ्री में खाना और बेघरों को आश्रय देने की योजना हैं।
महापौर अजय तिर्की ने बताया कि निगम ने पहले ही यहां पर प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया है। अब इसे गारबेज कैफे योजना से जोडकऱ इसका सख्ती से पालन किया जाएगा। इसके साथ ही इस योजना से गरीबों को भरपेट भोजन और बेघरों को आश्रय भी मिलेगा।
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