इस मामले में आईजी ने कोतवाली टीआई विनीत दुबे, एसआई प्रियेश जॉन, मनीष यादव, आरक्षक दीनदयाल सिंह व लक्ष्मण राम को सस्पेंड (5 policemen suspended) कर दिया है। उन्होंने इनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। आईजी ने माना कि इस मामले में पुलिस ने चूक हुई है।
गौरतलब है कि गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के भटगांव थानांतर्गत ग्राम सलका-अधिना निवासी पंकज बेक पिता अमीरसाय बेक 30 वर्ष गांधीनगर स्थित किराए के मकान में तथा चिरमिरी के बरतुंगा निवासी इमरान महामाया रोड में किराए के मकान में रहते थे। दोनों शहर के चोपड़ापारा स्थित शानू वर्मा के ग्लोबल इंफोटेक में मैकेनिक थे।
27 जून को दोनों कुंडला सिटी निवासी व्यवसायी तनवीर सिंह के घर सीसीटीवी में सुधार कार्य करने गए थे। काम खत्म करने के बाद दोनों लौट गए। इधर व्यवसायी ने बेडरूम की अलमारी खोली तो उसमें रखे 13 लाख रुपए गायब थे। इसकी शिकायत उसने 11 जुलाई को कोतवाली में दर्ज कराई थी।
पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने चोरी की बात स्वीकार कर ली थी। इधर आरोपी पंकज बेक ने रविवार की रात 11.45 बजे वह ड्यूटी में पदस्थ आरक्षक को उल्टी व लघुशंका के बहाने चकमा देकर भाग निकला और वहां से करीब 300 मीटर दूर डॉ. परमार के हॉस्पिटल परिसर में लगे विंडो कूलर के पाइप में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस पीछा करते हुए रात करीब 1.15 बजे वहां पहुंची तो उसकी लाश मिली।
आईजी ने माना- पुलिस से हुई चूक
पुलिस कस्टडी से भागकर युवक द्वारा फांसी लगा लिए जाने के मामले में आईजी ने इसे पुलिस की चूक मानी है। उन्होंने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए कोतवाली टीआई, 2 एसआई व 2 आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही उन्होंने मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं।