गौरतलब है कि आरोपी खेमराज ने ग्राम तेलाईधार निवासी फुलबसिया पिता नटवा से 37 हजार 5 सौ रुपए, ग्राम विशुनपुर निवासी उर्सिला से 37 हजार 500 रुपए, अंजना से 37 हजार 500 रुपए, सरोजनी से 37 हजार 500, ग्राम तेलाईधार निवासी पुष्पा टोप्पो से 37 हजार 5 सौ,
ग्राम सूर निवासी वहीदा से 10 हजार, सुभाष से 10 हजार, ग्राम जोबटिकरा निवासी कृष्णा से 10 हजार एवं सीतापुर आदर्शनगर निवासी मनिल एक्का से 50 हजार रुपए ठग लिए। ठग ने कुल ९ लोगों से नौकरी दिलाने के नाम 2 लाख 92 हजार 5 सौ रुपए की ठगी की थी।
दबाव बनाया तो थमा दिए फर्जी नियुक्ति पत्र
झांसे में आकर पैसा देने के बाद भी जब लोगों को नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने खेमराज केरकेट्टा से संपर्क साधा और नौकरी दिलाने के लिए दबाव बनाया। इसके बाद वह काफी दिनों तक टालमटोल करता रहा।
अंत में उसने सभी को सफाईकर्मी का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। इसे लेकर लोग ज्वॉइन करने हॉस्पिटल पहुंचे और अधिकारियों को दिखाया। इस पर अधिकारियों ने बताया कि यहां ऐसा कोई पद रिक्त नही है और यह नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी है। इसके बाद लोगों को नौकरी के नाम पर ठगे जाने का एहसास हुआ। तब लोगों ने खेमराज से रुपए वापस मांगे, लेकिन वह केवल आश्वासन देता रहा।
4 साल तक घुमाया, गया जेल
चार साल बाद भी लोगों को रकम नहीं मिली तो पीडि़तों ने सीतापुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने धारा 420, 467, 468 एवं 471 के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी खेमराज केरकेट्टा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कार्रवाई में थाना प्रभारी ओमप्रकाश यादव व अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।