अंबिकापुर. डिजीटल अरेस्ट (Digital arrest) के मामले अब सरगुजा में भी आने शुरू हो गए हैं। मुंबई साइबर क्राइम के नाम पर शहर के एक व्यवसायी को पहले नॉर्मल कॉल किया गया। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल कर डिजीटल अरेस्ट कर लिया गया। हालांकि व्यवसायी अपनी सूझबूझ के कारण ठगी का शिकार नहीं हो सका। उसे करीब 12 मिनट तक एक कमरे में बंद कर आधार, पैन कार्ड समेत विभिन्न सवाल किए गए। व्यवसायी ने मामले की शिकायत आईजी व एसपी से की है।
अंबिकापुर निवासी शिवेश सिंह उर्फ बाबू सिंह मोबाइल व्यवसायी है। एक सप्ताह पूर्व पाकिस्तान के नंबर से उसके मोबाइल पर करीब 25 कॉल आए थे। लेकिन व्यस्त रहने के कारण वह मोबाइल रिसीव (Digital arrest) नहीं कर पाया था। जब उसने मोबाइल रिसीव किया तो कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच को होना बताया।
इसके बाद कॉल करने वाले व्यक्ति ने शिवेश सिंह से बोला कि तुम्हारे नंबर से अश्लील मैसेज किया गया है। इन्होंने ऐसी घटना कारित करने से इनकार किया। इसके बाद इसके व्हाट्सएप कॉल किया गया।
Digital arrest: 12 मिनट तक हुई बात
व्हाट्सएप कॉल कर शिवेश सिंह को एक कमरे में जाने को कहा गया और उसे बाहर नहीं निकलने व दूसरे को मामले की जानकारी बिना उसके परमिशन के नहीं देने की धमकी (Digital arrest) दी गई।
कॉलिंग के माध्यम से उसे बताया गया कि मुंबई पुलिस उसे अरेस्ट करने यहां से निकल गई है। तुम कमरे में ही रहो। इस दौरान शिवेश सिंह से कई सवाल पूछे और आधार कार्ड व पेन कार्ड मांगा गया।
शिवेश सिंह का मोबाइल संबंधी कारोबार है। उसे पूर्व से डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) से संबंधित क्राइम की जानकारी थी। इसलिए वह बिना डरे आराम से अज्ञात लोगों को फेस करता रहा और घटना का वीडियो अपने तकनीकी संसाधनों से बनाया।
उसने अपना आधार व पेन कार्ड सीए के पास होना बताया। इसके बाद कॉल करने वाले व्यक्ति ने उसे दूसरे दिन आधार व पेन कार्ड उपलब्ध रखने की बात कह कर फोन काट दिया।