Dead body on shoulder: Video: दो बांस में रस्सी के सहारे कंधे पर ढोकर 8 किमी पैदल ले जाना पड़ा जवान बेटे का शव
Dead body on shoulder: सडक़ हादसे में घायल युवक की मौत के बाद परिजन में पसरा था मातम, तकलीफ तब और बढ़ गई जब 8 किमी बेटे का शव ले जाने पथरीली रास्तों से करनी पड़ी मशक्कत
अंबिकापुर। Dead body on shoulder: ग्रामीण अंचलों में सडक़ों का जाल बिछाने के दावों का पोल खोलने के साथ ही मानवता को शर्मसार करने का वीडियो सामने आया है। किसी अपने को खोने का दर्द होने के बावजूद भी दिल पर पत्थर रखकर परिजन शव को बांस के सहारे कंधे (Dead body on shoulder) पर टांग कर 8 किमी पैदल पथरीले रास्ते पर डगमगागते हुए अपने घर ले जाने मजबूर दिखे। सडक़ हादसे में जवान युवक के जाने के दर्द के बीच उसके शव को बांस का जुगाड़ बनाकर ले जाना पड़ा।
href="https://www.patrika.com/ambikapur-news" data-type="link" data-id="https://www.patrika.com/ambikapur-news" target="_blank" rel="noopener">सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विधानसभा के लखनपुर विकासखंड के ग्राम पटकुरा के आश्रित ग्राम घटोन निवासी 18 वर्षीय इसपाल तिग्गा पिता सुरेंद्र तिग्गा सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया था। परिजन ने उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत (Dead body on shoulder) हो गई।
परिजन शव को लेकर वाहन से लखनपुर के ग्राम पटकुरा तक तो पहुंचे लेकिन उनके घर घटोन जाने तक का रास्ता सही नहीं था। इस परिस्थिति में परिजन जुगाड़ के सहारे दो बांसों में रस्सी से शव को लटका कर और फिर कंधे पर टांग कर 8 किमी पैदल पथरीली रास्ते से होकर किसी तरह घर पहुंचे।
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Dead body on shoulder) हो रहा है। इस वीडियो ने शासन-प्रशासन के विकास के दावों की पोल खोलकर रख दी है।
Dead body on shoulder: गांव तक पहुंचने के लिए नहीं है सडक़
गांव में लंबे समय से ग्रामीण सडक़ की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक सडक़ का निर्माण नहीं हो सका और सडक़ के अभाव में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व में भी इस तरीके के मामले सामने आ चुके हैं। अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे मुख्य मार्ग तक लाने में परिजन को काफी परेशानियों (Dead body on shoulder) का सामना करना पड़ता है।
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