गौरतलब है कि शहर से लगे सरगवां निवासी 50 वर्षीय दुर्योधन सिंह की तबियत खराब होने पर परिजन उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में 3 दिन पूर्व भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान सोमवार की रात लगभग 11 बजे मौत हो गई।
पहले भी आ चुकी हैं ऐसी तस्वीरें
सरगुजा में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के लिए शर्मनाक मामला सामने आया है। जिला मुख्यालय अंबिकापुर में मेडिकल कॉलेज अस्पताल से बेटे को अपने पिता का शव ऑटो में लाद कर ले जाना पड़ा। उसे समय पर शव वाहन नहीं मिल सका। ऐसी ही कई तस्वीरें अविभाजित सरगुजा से पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मात्र 3 शव वाहन
सरगुजा जिले में कुल 6 शव वाहन हैं, जिसमें मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में 3 जबकि 3 अन्य ब्लॉकों में हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिदिन काफी केस आने के कारण लोगों को समय पर शव वाहन नहीं मिल पाता है। मुक्तांजलि के नोडल अधिकारी शैलेंन्द्र महंत का कहना है कि हर दिन दूसरे ब्लॉक से वाहन मंगाकर सेवा उपलब्ध कराना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कम से कम 6 शव वाहन की आवश्यकता है।
इंतजार करने कहा गया था
सोमवार की रात करीब 1.30 बजे शव वाहन के लिए कॉल आया था। सभी वाहन केस में थे। परिजन को इंतजार करने के लिए बोला गया था। सीतापुर से शव छोडक़र शव वाहन मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा था, इससे पूर्व ही परिजन शव को निजी व्यवस्था से लेकर चले गए थे।
शैलेन्द्र महंत, मुक्तांजलि जिला नोडल अधिकारी