सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम किशुनपुर निवासी मुकेश तिर्की पिता रामजीत तिर्की उम्र १४ वर्ष प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा में रहकर कक्षा 8वीं में पढ़ाई करता था। बुधवार को उसने न तो खाना खाया और न ही स्कूल गया। छात्रावास के अन्य बच्चे स्कूल चले गए थे।
शाम 4 बजे जब बच्चे छात्रावास लौटे तो मुकेश तिर्की का कमरा बंद था। उक्त कमरे में और भी बच्चे रहते थे, इस वजह से बच्चों ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। इस दौरान बच्चों ने खिडक़ी से झांक कर देखा तो वह फांसी पर लटका था। हालांकि उसका शरीर जमीन से सटा था।
इसके बाद बच्चों ने मामले की जानकारी छात्रावास के चौकीदार को दी। चौकीदार द्वारा रोशनदान से कमरे में उतरकर दरवाजा को खोला गया। फिर चौकीदार ने बच्चों की मदद से उसके शव को उतरवाकर बेड पर रख दिया।
इसके बाद लोगों ने मामले की जानकारी दरिमा पुलिस को दी। सूचना पर तहसीलदार व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। फिर उन्होंने छात्र का शव पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया।
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परिजन ने अधीक्षक पर लगाया लापरवाही का आरोपमृत छात्र के परिजनों द्वारा छात्रावास अधीक्षक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की जाने लगी। विरोध को देखते हुए गुरुवार की दोपहर 2 बजे तक पीएम नहीं हो सका था।
सूचना मिलते ही कलेक्टर व एसपी अस्पताल पहुंचे और छात्रावास अधीक्षक भूपेश सिंह कश्यप को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरते जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अधीक्षक का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम एक एवं दो के विपरीत होने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 (एक) (क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग अंबिकापुर निर्धारित किया गया है।
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मां से की थी बात, बताया- सीने में है दर्दछात्र मुकेश तिर्की पिछले कई दिनों से बीमार था। परिजन उसका इलाज करा रहे थे। जांच में पथरी की पुष्टि हुई थी। परिजन ने जड़ी-बुटी व अन्य दवा देकर उसे 22 फरवरी को छात्रावास भेज दिया था।
छात्र ने बुधवार की सुबह अपनी मां से बात की थी। उसने बताया था कि सीने के पास दर्द हो रहा है। इस पर मां ने कहा कि ज्यादा दर्द हो रहा है तो घर आ जाना, लेकिन उसने परीक्षा का समय है कहकर घन नहीं आने की बात कही। इसके बाद वह स्कूल भी नहीं गया और छात्रावास में ही रुक गया। सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच आत्महत्या कर ली।
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एसडीएम अबिकापुर को मजिस्ट्रियल जांच के निर्देशकलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सरगुजा द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जांच हेतु एसडीएम अंबिकापुर फागेश सिन्हा को विस्तृत जांच करने अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर मृत्यु के दृश्यमान कारणों की विधिवत जांच कर 3 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना करेंगे।
विभागीय जांच हेतु टीम गठित
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि उक्त घटना की जांच हेतु 2 सदस्यीय समिति गठित की गई है,जिसमें सहायक संचालक अंकिता मरकाम और सहायक संचालक महेंद्र पाल खांडेकर शामिल हैं। दोनों को घटना की सूक्ष्म जांचकर जांच प्रतिवेदन 3 दिन में प्रस्तुत करने कहा गया है।