बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम इंदरपुर निवासी सावित्री सिंह पिता चंद्रिका सिंह उम्र 15 वर्ष ने कक्षा 10वीं की परीक्षा दी थी। बोर्ड परीक्षा में वह पूरक आई थी। 9 जुलाई की सुबह सावित्री सो रही थी। इसी बीच उसके बड़े भाई सकलदीप ने उसे उठाया और कहा कि तुम्हारा पूरक परीक्षा का फार्म भर दिया हूं।
इस बार मन लगाकर पढ़ो। इसके बाद वह खेत में काम करने चला गया। इधर भाई द्वारा पढ़ाई के लिए बोलना सावित्री को अच्छा नहीं लगा और गुस्से में घर में रखा
कीटनाशक सेवन कर लिया। इससे उसकी तबियत खराब हो गई और वह उल्टियां करने लगी।
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कीटनाशक सेवन करते देख दूसरी बहन ने खेत में जाकर भाई को जानकारी दी। भाई घर पहुंचा और उसे इलाज के लिए रामानुजगंज अस्पताल में भर्ती कराया। यहां 11 जुलाई को चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल बलरामपुर रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
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हालत में सुधार न होता देख बलरामपुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने 12 जुलाई को उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिया। फिर उसे अंबिकापुर लाया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान 16 जुलाई को उसकी मौत हो गई।
छात्रा की मौत से उसके परिजनों में मातम पसर गया है।