अंबिकापुर. नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने सोमवार को कलक्टोरेट पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। दरअसल छात्राएं हॉस्टल स्थानांतरित होने के बाद पानी सहित अन्य सुविधाओं के अभाव में रहने को मजबूर हैं। बोर खराब होने के कारण उन्हें टैंकर का पानी बाल्टियों में भरकर हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर चढऩा पड़ता है।
सुविधाओं की मांग को लेकर नर्सिंग छात्राओं ने पढ़ाई छोडक़र कलक्टोरेट में विरोध प्रदर्शन किया था। यह बात जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को पता चली तो उन्होंने अपने भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव की पत्नी त्रिशाला सिंहदेव को प्रतिनिधि बनाकर हॉस्टल का निरीक्षण करने भेजा। त्रिशाला सिंहदेव ने निरीक्षण पश्चात जल्द ही समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन छात्राओं को दिया।
गौरतलब है कि शासकीय नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल का संचालन पूर्व में तुर्रापानी गांधीनगर में संचालित किया जा रहा था। यहां हॉस्टल सहित सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं, लेकिन एक महीने पूर्व आनन-फानन में हॉस्टल को प्रशासन द्वारा स्थानांतरित कर दिया गया।
हॉस्टल को ऐसी जगह स्थानांतरित कर दिया गया, जहां सुविधा के नाम पर न तो ठीक से कमरे हैं और न ही पानी की व्यवस्था है। पानी सहित अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर सोमवार को नर्सिंग कॉलेज प्रथम वर्ष की छात्राओं ने कलक्टोरेट पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी।
छात्राएं कलक्टोरेट कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गईं और उनका एक ही मांग थी, जब तक उनके हॉस्टल में सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती है, वे वहां से नहीं हटेंगी। एसडीएम द्वारा समस्याएं जल्द दूर करने के आश्वसान के बाद उन्होंने प्रदर्शन समाप्त किया।
हॉस्टल में है मूलभूत सुविधाओं का अभाव छात्राओं का कहना था कि हॉस्टल आनन-फानन में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन जहां स्थानांतरित किया गया, वहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। छात्रावास में पानी की व्यवस्था नहीं है। छात्राओं का कहना था कि अपने दैनिक उपयोग के लिए भी हमें पानी बाल्टियों में भरकर ऊपर तीसरी मंजिल पर ले जाना पड़ता है।
इसकी वजह से हमें चोटें भी आईं। 20 दिसम्बर से हमारी छुट्टियां शुरू हो गईं और कहा गया कि जब हम 5 जनवरी को वापस आएंगे तो पानी की समस्या हल कर दी जाएंगीं। छुट्टी से जब वापस आए तो पानी की समस्या यथावत बनी रही। यह सिलसिला 14 जनवरी तक चला और बोरवेल भी खराब हो गया।
प्रबंधन द्वारा निगम से एक टैंकर मंगवाए जाने का आश्वासन दिया गया। छात्रावास में रहने वाली सभी छात्राओं को प्रथम तल पर पानी भरकर ले जाना पड़ रहा है। 50 बेड के हॉस्टल में 120 छात्राएं शासकीय नर्सिंग कॉलेज का निर्माण वर्ष 2011 में गंगापुर में सरकार द्वारा कराया जा चुका है, लेकिन इसे मेडिकल कॉलेज को हैंडओवर कर दिया गया है। इसकी वजह से अब नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं को कहीं भी शिफ्ट कर दिया जा रहा है।
वर्तमान में छात्राओं को जिस हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है वह 50 बेड का है, लेकिन यहां नर्सिंग कॉलेज की 120 छात्राओं को रखा गया है। यहां 120 छात्राओं के लिए 3 शौचालय व 3 यूरिनल हंै। इसकी वजह से भी छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मंत्री टीएस ने बहू को भेजा हॉस्टल नर्सिंग हॉस्टल की छात्राओं के समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करने की खबर जैसे ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को मिली तो उन्होंने अपने भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव की पत्नी त्रिशाला सिंहदेव को प्रतिनिधि बनाकर हॉस्टल का निरीक्षण करने भेजा। त्रिशाला सिंहदेव ने निरीक्षण पश्चात जल्द ही समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन छात्राओं को दिया।
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