जब इसकी जानकारी अस्पताल के एमएस को हुई तो अनावश्यक रुपए मांगने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए और पीडि़त का रेकॉर्ड निकलवाकर इलाज (Treatment) शुरू कराने को कहा।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम शारदापुर निवासी 50 वर्षीय शोभा पति रमेश पाल को कान में परेशानी होने पर परिजन ने 23 दिसंबर को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था। ईएनटी विभाग के डॉक्टर ने कान में परेशानी होने पर ऑपरेशन करने की सलाह दी थी।
ऑपरेशन से पूर्व 29 दिसंबर को जब महिला का कोरोना टेस्ट (Corona test) कराया गया तो वह पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद चिकित्सकों ने उसे होम आइसोलेशन (Home isolation) में रहने की सलाह दी और स्वस्थ होने पर पुन: आकर ऑपरशन करवाने की बात कही थी।
जब महिला स्वस्थ्य होकर गुरुवार को अस्पताल पहुंची तो ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने कहा कि भर्ती का रेकॉर्ड निकलवा लें। उसी के आधार पर आपका ऑपरेशन कर दिया जाएगा, नहीं तो पुन: सारी जांच करानी पड़ जाएगी।
जब महिला के परिजन रेकॉर्ड कक्ष जाकर दस्तावेज निकलवाने पहुंचे तो रेकॉर्ड रूम में पदस्थ विकास पांडेय नामक कर्मचारी ने 1000 रुपए (Bribe) की मांग की। विकास ने कहा कि काफी लंबा प्रोसेस करना पड़ता है। इसमें समय लगता है। अगर तत्काल चाहिए तो एक हजार रुपए दो। रुपए नहीं होने के कारण वह मरीज व परिजन परेशान रहे।
एमएस को दी जानकारी
पीडि़त ने जब इसकी जानकारी एमएस डॉ. लखन सिंह को दी तो लखन सिंह ने रेकॉर्ड कक्ष प्रभारी को तत्काल कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए और पीडि़त का रेकॉर्ड तत्काल निकलवाकर देने के निर्देश दिए ताकि उसका इलाज शुरू हो सके।