Video: बड़ा तालाब पार कर रहे पिता-पुत्री की डूबकर मौत, पीठ पर बैठी थी बेटी, 18 घंटे बाद निकाली गई लाश
Big incident: मछली पकडक़र घर लौटने के दौरान हुआ हादसा, 10 वर्षीय बेटा और 5 वर्षीय बेटी पिता और बहन को डूबते देख कुछ नहीं कर पाए, एसडीआरएफ की टीम ने दूसरे दिन दोनों का निकाला शव, पिता-पुत्री की मौत से गांव में पसरा मातम
उदयपुर. Big incident: एक ग्रामीण अपने मासूम पुत्र व 2 पुत्रियों के साथ गुरुवार की दोपहर गांव से लगे बड़े तालाब (मुड़ा) में मछली मारने गया था। मछली पकडक़र लौटने के दौरान वह एक बेटी को पीठ पर बैठाकर तालाब पार कर रहा था, इस दौरान कीचड़ में पैर फंस गया और गहरे पानी में डूबकर दोनों की मौत हो गई। यह नजारा नदी के दूसरी ओर खड़े पुत्र व छोटी पुत्री देखते रहे, लेकिन कुछ कर नहीं पाए। मौके पर मौजूद मृतक के 10 वर्षीय पुत्र ने बताया कि पिता ने पीठ पर बैठी बेटी को बचाने की काफी कोशिश की लेकिन बचा न सकें। सूचना पर ग्रामीणों ने शव ढूंढने का प्रयास किया लेकिन वे सफल नहीं हो सके। शुक्रवार की सुबह पुलिस व एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और 1 घंटे की मशक्कत के बाद पिता-पुत्री का शव (Father-daughter dead body) बाहर निकाला। 18 घंटे तक दोनों का शव पानी में ही रहा। हादसे से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
सरगुजा जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जरहाडीह निवासी रामू 40 वर्ष गुरुवार की दोपहर करीब 12 बजे मछली मारने गांव से 1 किमी दूर खालमुड़ा तालाब में गया था। उसके साथ उसका बड़ा पुत्र विनोद 10 वर्ष, बेटी कांशी 8 वर्ष व आंशी 5 वर्ष भी थे।
दोपहर 1 से 2 बजे के बीच मछली मार लेने के बाद रामू ने अपनी बेटी कांशी को पीठ में उठ लिया और तालाब पार करने लगा। इस दौरान उसने विनोद व आंशी को सुखे हुए रास्ते व मेड़ से घर जाने कहा। वह पानी के भीतर करीब 30 मीटर दूर गया ही होगा कि पिता की पीठ पर बैठी बेटी डूबने लगी, यह देख उसने भाई को आवाज दी।
पूरी कोशिश के बाद भी बेटी को नहीं बचा पाया पिता बहन की आवाज सुनकर विनोद ने पिता को छोटी बहन को बचाने की गुहार लगाई लेकिन पिता ने कहा कि उसका पैर कीचड़ में फंस गया है, वह वापस भी नहीं लौट पा रहा था। देखते ही देखते दोनों गहरे पानी में समाने लगे। इस दौरान पिता ने बेटी को बचाने की काफी कोशिश की।
उसने सबसे पहले बेटी को पीठ से सिर पर रख लिया, जब नाक और मुंह में पानी जाने की नौबत आई तो बेटी को दोनों हाथों से सिर के उपर तक उठा लिया। जब वह खुद डूब गया तो बेटी भी हाथ से छूट गई और वह भी डूब गई। पिता व बहन को डूबते देख नदी के किनारे खड़े दोनों बच्चे कुछ नहीं कर पाए।
18 घंटे बाद निकाला गया शव पिता व बहन के डूबने की खबर बच्चों ने गांव में दी। इसके बाद गांववालों ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंचे। गांव के धनेश्वर, बाबुलाल, अशोक, सहल सहित अन्य पिता-पुत्री (Father-daughter death) को खोजने पानी में उतरे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
शाम 7 बजे अंबिकापुर से एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण उन्होंने रेस्क्यू बंद कर दिया। शुक्रवार की सुबह 7 बजे फिर खोजबीन शुरु हुई और 1 घंटे की मशक्कत के बाद पिता-पुत्री का शव बाहर निकाला गया। इस पूरी घटना में 18 घंटे लगे।
कार्रवाई में उदयपुर थाने से एसआई समरेन्द्र सिंह प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता, आरक्षक देवनारायण कंवर, रविन्द्र साहू, अजय शर्मा, सैनिक अपिकेश्वर और नीरज साहू शामिल रहे।
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