घेराव करने पहुंचे कार्यकर्ताओं को देख पुलिस ने गेट बंद कर दिया, लेकिन कार्यकर्ता गेट फांदने लगे तथा वहीं अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इधर सीएमएचओ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज बन चुका है। अत: वे इन अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को डीन से बात करने की नसीहत दे दी। इसके बाद कार्यकर्ता वापस लौट गए।
जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो बना दिया गया, लेकिन सुविधाओं में अभी भी बढ़ोतरी नहीं हो सकी है। 2 दिन पूर्व ही वेंटिलेटर सुविधा के अभाव में 5 माह के मासूम ने दम तोड़ दिया। वहीं कई बार मरीज के साथ यहां ऐसा हो जाता है जो मानवता को भी शर्मसार कर देता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त सुविधा दिलाने की मांग को लेकर युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय का घेराव किया।
काफी संख्या में कार्यकर्ता कार्यालय पहुंचे लेकिन पुलिस ने गेट बंद कर उन्हें बाहर ही रोक लिया। इसके बाद कार्यकर्ता गेट पर चढ़कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जब सीएमएचओ से उनकी मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दे दिया गया है। अत: अस्पताल में अव्यवस्था के संबंध में वे जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे इस संबंध में डीन से बात करें।
इसके बाद कार्यकर्ता डीन से मुलाकात करने की बात कह वहां से चले गए। प्रदर्शन करने वालों में युकां जिलाध्यक्ष अजय सिंह, आलोक सिंह, निक्की खान, हिमांशु जायसवाल, तृप्तराज धंजल, दिनेश, दिलीप मिंज, अभय तिवारी, शेखर गुप्ता, देवा गुप्ता, आकाश यादव, श्याम, अजय कुमार, रुस्तम, सलमान, राहुल सोनी, प्रिंस केशरवानी, तसलीम, राहुल यादव, राजकुमार, संदीप, राहुल गुपता, नवीन सोनी सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।
ये थी मांगें
कार्यकर्ताओं की मांगों में अस्पताल में प्रतिदिन साफ-सफाई कराने तथा दुर्गंध को रोकने उपाय करने, फ्री में दवाइयां उपलब्ध कराने, ओपीडी में 2 की जगह और काउंटर बढ़ाने, वेंटिलेटर की व्यवस्था करने ताकि गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिल सके, सिटी स्केन मशीन की तत्काल व्यवस्था करने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सांप डसने से पीडि़त मरीजों को रेफर करने की जगह तत्काल इलाज कराने सहित अन्य शामिल हैं।