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सरगुजा

आया था पथरी का Operation कराने और Doctor ने निकाल दी किडनी, हंगामा

शहर के मिशन अस्पताल का मामला, पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती हुआ था
वृद्ध मरीज, परिजन ने लगाया आरोप-बिना सहमति के निकाल दी गई किडनी

सरगुजाNov 04, 2016 / 07:58 pm

Pranayraj rana

debate to Doctors

debate to Doctors

अंबिकापुर. शहर के होली क्रॉस हॉस्पिटल में एक मरीज का किडनी निकालने का मामला सामने आया है। जबकि वह पथरी का ऑपरेशन कराने पहुंचा था। इस मामले को लेकर परिजन ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया और थाने में शिकायत कर दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की जान बचाने के लिए उसकी किडनी निकालनी पड़ी।

अंबिकापुर शहर के होलीक्रॉस हॉस्पिटल में दो दिन पूर्व सूरजपुर के ग्राम सिलफिली निवासी 70 वर्षीय जतिन वैद्य पिता शरद वैद्य पेट दर्द की शिकायत पर इलाज के लिए पहुंचा था। अस्पताल के चिकित्सक ने जांच के बाद उसकी बाएं तरफ के किडनी में पथरी होने की बात कही। इसके लिए अस्पताल के चिकित्सकों ने जतीन व उसके परिजन को ऑपरेशन कराने की सलाह दी।

फिर पथरी के ऑपरेशन के लिए जतिप गुरूवार को अस्पताल में भर्ती हुए थे। शुक्रवार की सुबह 7 बजे अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सिस्टर बियाट्रिस द्वारा जतिन का ऑपरेशन शुरू किया गया। लगभग तीन घंटे तक ऑपरेशन चला। इसके बाद स्टाफ नर्स द्वारा मरीज के परिजन को एक ट्रे में ऑपरेशन के बाद निकाली गई पथरी व एक ट्रे में किडनी लाकर दिखाया गया।

ट्रे में किडनी देख मरीज के परिजन भड़क उठे और पूछने लगे जब पथरी का इलाज होना था, तो फिर किडनी क्यों निकाली गई। किडनी निकालने की बात को लेकर परिजन ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और महिला चिकित्सक से बात करनी की मांग पर अड़े रहे। काफी देर तक हंगामा चलता रहा।

अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजन को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। परिजन इस बात पर अड़े हुए थे कि अगर मरीज का किडनी खराब भी हो चुकी थी, उसकी जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी गई और बिना उनके सहमति के कैसे किडनी निकाल दी गई।

इसी बात को लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा करने के साथ इसकी जानकारी युकां पदाधिकारियों को दी गई। अस्पताल में काफी संख्या में युकां कार्यकर्ता भी एकत्रित हो गए और उन्होंने भी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। बाद में अस्पताल प्रबंधन व डाक्टर बियाट्रिस द्वारा बिना सहमति लिए किडनी निकाले जाने की बात पर माफी मांगे जान से मामला शांत हुआ।

निकाली गई दायीं किडनी
डाक्टरों के अनुसार मरीज के बायें किडनी में पथरी होने के साथ ही उसे काफी दर्द भी था। जब उसका ऑपरेशन किया जा रहा था, उस समय पता चला कि उसके बायें किडनी में काफी ज्यादा मवाद भर गया है। इससे इंनफेक्शन होने का डर था और ब्लड प्रेशर डाउन होने से मरीज की मौत भी हो सकती थी। इसकी वजह से किडनी को निकाल दिया गया।

थाने में दर्ज कराई गई शिकायत
मरीज के भाई निर्मल वैध ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व गांधीनगर थाने में मामले की शिकायत की है। निर्मल वैद्य ने सीएमएचओ को बताया कि उसके भाई के पेट में दर्द होने की वजह से उन्हें होलीक्रॉस हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। यहां शुक्रवार को उनकी पथरी का इलाज किया जाना था

लेकिन पथरी के ऑपरेशन के साथ परिवार वालों को बिना बताए किडनी भी निकाल दिया गया और उन्हें बताया गया था कि किडनी में मवाद आ जाने की वजह से उसे निकाल दिया गया। जबकि उनके भाई की किडनी ठीक थी। शिकायत सौंपते हुए मरीज के भाई ने संबंधित चिकित्सक के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।

नहीं ली गई सहमति
हमारे पिता के पथरी का ऑपरेशन होना था। सुबह 7 बजे बिना परिवार वालों को बताए उन्हें ऑपरेशन के लिए ओटी ले जाया गया। लगभग 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद पथरी के साथ ट्रे में बायां किडनी लाकर उन्हें दिखाया गया और बताया गया कि मवाद आ जाने की वजह से उसे निकाल दिया गया है। जबकि डॉ. बियाट्रिस द्वारा ऑपरेशन करने के दौरान किडनी निकालने से पूर्व किसी से भी कोई सहमति नहीं ली गई। इससे उनके पिता के जान पर बन आई है।
निखिल वैद्या व सुशीला मिश्रा, पुत्र-पुत्री

बिना सहमति निकालना मेरी गलती
मरीज की किडनी में काफी दिनों से पथरी थी। इसकी वजह से उसका आज ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान उसकी बाएं किडनी में काफी मवाद नजर आया और किडनी भी इंफेक्शन की वजह से डैमेज हो गया था। मरीज की जान बचाने के लिए उसे निकालना अनिवार्य था। इसकी वजह से उसे ऑपरेट कर निकाला गया।

ऑपरेशन के दौरान सिर्फ मरीज की जिंदगी बचाना उनका मकसद था। अगर किडनी नहीं निकाला जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। किडनी निकालने के पूर्व मरीज के परिजन से सहमति नहीं ली गई, यह गलती मुझसे हुई। इसके लिए मैं माफी भी मांगती हूं। ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत ठीक है।
डॉ. सिस्टर बियाट्रिस, होली क्रॉस अस्पताल

चिकित्सक का निर्णय सही
डॉक्टर द्वारा पथरी का ऑपरेशन कराने से पूर्व मरीज के परिजन से सहमति पत्र भराया गया था। लेकिन जब डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन के लिए एबडॉमिन पथरी के लिए खोला गया होगा और उसे दूसरी पैथोलॉजी परेशानी नजर आई होगी, जो इससे बड़ी परेशानी होगी। ऐसे में चिकित्सक ने जो निर्णय लिया वह सही है। चिकित्सक ने ऑपरेशन के बाद किडनी भी बाहर लाकर दिखाया, जो पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता को दर्शाती है। डॉक्टर अगर ऑपरेशन छोड़ बाहर आकर मरीज के परिजन से सहमति लेता तो परेशानी खड़ी हो सकती थी।
डॉ. एनके पांडेय, सीएमएचओ

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