script9 दिन के बच्चे को चढ़ा दिया ‘बी पॉजीटिव’ की जगह ‘ओ पॉजीटिव’ ग्रुप का ब्लड, शरीर का रंग देख माता-पिता हैरान | 9-day-old baby was given blood of 'O positive' instead of 'B positive | Patrika News
अंबिकापुर

9 दिन के बच्चे को चढ़ा दिया ‘बी पॉजीटिव’ की जगह ‘ओ पॉजीटिव’ ग्रुप का ब्लड, शरीर का रंग देख माता-पिता हैरान

Weird News: एसएनसीयू के स्टाफ नर्स व ब्लड बैंक (Blood bank) स्टाफ की लापरवाही आई सामने, बच्चे के माता-पिता को सता रही बच्चे की जान की चिंता, अस्पताल अधीक्षक का कहना कि नहीं होनी चाहिए ऐसी लापरवाही

अंबिकापुरSep 21, 2022 / 08:37 pm

rampravesh vishwakarma

9 दिन के बच्चे को चढ़ा दिया ‘बी पॉजीटिव’ की जगह ‘ओ पॉजीटिव’ ग्रुप का ब्लड, शरीर का रंग देख माता-पिता हैरान

Blood group

अंबिकापुर. Weird News: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। एसएनसीयू के स्टाफ नर्स व ब्लड बैंक के स्टाफ की लापरवाही के कारण 9 दिन के एक नवजात को गलत ब्लड गु्रप चढ़ा दिया गया। दूसरे गु्रप का ब्लड चढ़ाए जाने से बच्चे की स्थिति सुधरने की जगह और खराब हो गई है। नवजात का पूरा शरीर काला पड़ गया है। गलत ब्लड गु्रप (False blood group) बच्चे को चढ़ाए जाने का मामला सामने आने पर अस्पताल प्रशासन में हडक़ंप है, वहीं परिजन को बच्चे की जान बचने की चिंता लगी है। परिजन ने अस्पताल के कर्मचारियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है।

बलरामपुर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भेस्की निवासी अंजू तिर्की पति अभिषेक तिर्की को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां महिला ने १२ सितंबर की अलसुबह 3 बजे नॉर्मल बच्चे को जन्म दिया। जन्म के आधे घंटे बाद बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे एसनसीयू में भर्ती कराया गया और ऑक्सीजन लगाया गया।
इसके बाद १९ सितंबर को एसएनसीयू के स्टाफ नर्स ने बच्चे के पिता अभिषेक तिर्की को बुलाकर कहा कि बच्चे को ब्लड की आवश्यकता है। स्टाफ नर्स द्वारा बच्चे का ब्लड सैंपल निकाल गु्रप जांच कराकर ब्लड व्यवस्था करने के लिए बच्चे के पिता को दिया। बच्चे के पिता ने ब्लड बैंक में जाकर सैंपल जांच कराया। जांच कर उसे बताया गया कि बच्चे का ब्लड गु्रप ओ पॉजिटिव है।
इसके बाद बच्चे के पिता ने काफी मशक्कत के बाद ओ पॉजिटिव ब्लड व्यवस्था की और २५ एमएल ब्लड चढ़ाने के लिए एसएनसीयू के स्टाफ नर्स को दे दिया। स्टाफ नर्स द्वारा बच्चे को ओ पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। इसके बाद बच्चे की स्थिति में सुधार होने की बजाय और बिगडऩे लगी। यह देख स्टाफ नर्स (Staff nurse) द्वारा और ब्लड चढ़ाने की बात कही गई।

दूसरी बार ब्लड बैंक पहुंचा तब चला पता
जिन्दगी और मौत से जूझ रहे नवजात बच्चे को जब दूसरी बार ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता पड़ी तो परिजन पूर्व रिकॉर्ड के अनुसार फिर ब्लड लेने ब्लड बैंक पहुंचे। यहां बच्चे की मां व पिता के नाम से कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं था।
बच्चे को जो ओ पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया वह किसी और के नाम व पता से दर्ज होने पर परिजन को संदेह हुआ। इसके बाद परिजन ने पुन: बच्चे का ब्लड गु्रप प्राइवेट अस्पताल व दूसरी बार पुन: ब्लड बैंक में ही जांच कराई तो पता चला कि बच्चे का ब्लड गु्रप बी पॉजिटिव है।

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ब्लड बैंक की लापरवाही या एसएनसीयू की?
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ करने का कोई नया मामला नहीं है। इससे पूर्व भी कई बार गलत ब्लड गु्रप चढऩे का मामला आ चुका है। वहीं कई बार जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी होने का भी मामला सामने आ चुका है।
अब नवजात बच्चे का ब्लड गु्रप या तो एसएनसीयू में किसी दूसरे बच्चे का सैंपल निकाल कर जांच के लिए परिजन को दे दिया गया होगा या फिर ब्लड बैंक में लापरवाही पूर्वक गु्रप की जांच कर ब्लड चढ़ाने के लिए दे दिया गया होगा।

पिता ने लापरवाही का लगाया आरोप
नवजात बच्चे के पिता अभिषेक तिर्की ने अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इसका कहना है कि बच्चे को गलत ब्लड गु्रप चढ़ाए जाने से बच्चे की स्थिति और खराब हो गई है। वहीं बच्चे का शरीर भी काला पड़ गया है।

नहीं होनी चाहिए ऐसी लापरवाही
गलत ब्लड ग्रुप नहीं चढ़ा है। ओ पॉजिटिव यूनिवर्सल डोनर रहता है। ब्लड बैंक का कहना है कि जो सैंपल भेजा गया था वह ओ पॉजिटिव ही था। मामले की जांच कराई जा रही है। आखिर कहां गलती हुई है। इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
डॉ. लखन Singh, एमएस, मेडिकल कॉलेज अस्पताल

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