Video: शहर के निजी अस्पताल में किशोरी की मौत, आक्रोशित परिजनों ने मचाया हंगामा, बाल पकडक़र स्टाफ से की झूमाझटकी
Girl death in private hospital: बुखार की शिकायत पर किशोरी को लाया गया था अस्पताल, हीमोग्लोबिन की मात्रा थी काफी कम, किशोरी की मौत से बौखलाए परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप, अस्पताल स्टाफ से मारपीट पर उतारु हुए परिजन, कोतवाली पुलिस ने संभाला मामला
अंबिकापुर. Girl death in private hospital: शहर के निजी एकता अस्पताल में इलाज के दौरान 17 वर्षीय एक किशोरी की मौत हो गई। किशोरी की मौत के बाद परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। घटना से परिजन काफी आक्रोशित थे। आक्रोशित परिजन अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों व स्टाफ के साथ मारपीट करने पर उतारू हो गए। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने मामले को शांत कराया। वहीं अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि इलाज में कहीं लापरवाही नहीं हुई है। लडक़ी काफी कमजोर थी।
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर निवासी वैष्णवी कश्यप पिता संतोष केहरी 17 वर्ष की तबियत पिछले कुछ दिनों से खराब थी। परिजन वाड्रफनगर में ही उसका इलाज करा रहे थे। तबियत में सुधार नहीं होने पर उसे इलाज के लिए अंबिकापुर स्थित एकता अस्पताल में बुधवार की दोपहर लाए थे।
यहां जांच में किशोरी के शरीर में 4.7 ग्राम हीमोग्लोबिन पाया गया। इस पर चिकित्सकों ने किशोरी को भर्ती करने की सलाह दी। डॉक्टरों के कहने पर परिजन उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। किशोरी का इलाज डॉ. ज्योति कुजूर व डॉ. अमित यादव की निगरानी में चल रहा था।
किशोरी के शरीर में होमोग्लोबिन की मात्रा कम होने के कारण चिकित्सकों ने उसे ब्लड चढ़ाने की बात कही। इसके बाद परिजन बाहर के ब्लड बैंक से एबी पॉजीटिव ब्लड लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां युवती को तेज बुखार होने के कारण शाम को ब्लड नहीं चढ़ाया गया। बुखार कम होने पर किशोरी को ब्लड चढ़ाया जा रहा था।
गुरुवार की सुबह किशोरी को नाश्ता कराया गया। नाश्ता करते ही किशोरी के पेट दर्द होने लगा। परिजन ने चिकित्सकों को इसकी जानकारी दी तो डॉक्टरों ने उसे कुछ दवा दी। इसके बाद किशोरी उल्टी करने लगी। उल्टी करते ही किशोरी की स्थिति बिगड़ गई। यह देख डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में शिफ्ट किया। इसी बीच सुबह 10.15 बजे उसकी मौत हो गई।
परिजन ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप इधर किशोरी की मौत से परिजन आक्रोशित हो गए। इस दौरान मृत किशोरी के पक्ष के करीब 2 दर्जन लोग वहां पहुंच गए। परिजन का कहना था कि किशोरी को मामूली बुखार की शिकायत थी। अचानक उसकी मौत कैसे हो सकती है? परिजन ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
आक्रोशित परिजन अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टरों व स्टाफ के साथ झूमाझटकी करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए। एक स्टाफ के बाल पकडक़र खींचतान की। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया।
डॉक्टर बोले- उल्टी के दौरान फेंफड़े में चला गया था अंश घटना के संबंध में एकता अस्पताल के डॉ. ज्योति कुजूर ने बताया कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है। किशोरी काफी कमजोर थी और उसे कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। उसका इलाज वाड्रफनगर में चल रहा था। बुधवार की दोपहर मेरे अस्पताल में इलाज के लिए आए थे।
उसका हीमोग्लोबिन मात्र 4.7 ग्राम था। ब्लड चढ़ाया जा रहा था। गुरुवार की सुबह नाश्ता करने के बाद किशोरी को पेट दर्द व उल्टी होने लगी। परिजन द्वारा जानकारी मिलने पर उसे दवाइयां दी गई। किशोरी की हालत और बिगडऩे पर आईसीयू में भर्ती कराया गया। उल्टी के दौरान कुछ अंश फेफड़े में चले जाने से उसकी मौत हो गई।
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