हर वार्ड में हैं पुरुषों का कब्जा राजस्थान पत्रिका में बार बार खबरें प्रकाशित करने के बाद भी अस्पताल प्रशासन पर कोई असर नहीं हो रहा है। यहां के वार्डों में अभी भी हर समय पुरुषों का कब्जा रहता है। इसके चलते उन महिलाओं को खासी परेशानी रहती हैं जो ग्रामीण परिवेश से हैं जहां आज भी पुरुषों से पर्दा करने की परंपरा है। गर्र्भवती व प्रसुता महिलाओं की देखरेख के नाम पर हर समय पुरुष परिजन यहां रहते हैं। ऐसे में आसपास के बैड पर भर्ती महिलाएं भी शर्म की वजह से उठ बैठ नहीं पाती है।
सूचना बोर्ड से गायब रहते हैं डयूटी डाक्टरों के नाम जनाना अस्पताल में डाक्टरों के कमरों के बाहर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं। इसमें प्रतिदिन डयूटी डाक्टर सहित अन्य आवश्यक सूचनाएं अपडेट करनी होती है। लेकिन यहां लगाए गए बोर्ड केवल दिखावटी है। उन पर कोई सूचना नहीं लिखी जा रही है। जांच कराने या भर्ती कराने आई महिलाओं को यह पता नहीं चल पाता कि कौनसे डाक्टर आज डयूटी पर हैं और कौनसे नहीं।
महिलाओं को भर्ती होने के बाद भी बैड नसीब नहीं जनाना अस्पताल में गर्भवती व धात्री महिलाओं के अलावा ऐसी बहुत सी महिलाएं भी भर्ती होती हैं जिनको महिलाओं संबंधी अन्य परेशानियां रहती हैं। ऐसी महिलाओं के लिए यहां बैड की बहुत कमी है। किसी को बच्चा बंद होने का ऑपरेशन करना है तो किसी में खून की कमी है, किसी को डीएनसी करवानी है । इसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाना होता है। ऐसी महिलाओं को खाली बैंचों पर ही लेटना पड़ रहा है, उनके परिजन किसी दूसरे मरीज के बैड पर बैठकर समय व्यतीत करते हैं।
गार्ड रहते हैं गायब, हो सकती है परेशानी सुबह डयूटी डाक्टर के सुबह और शाम को राउंड पर रहने के दौरान ही यहां पर सुरक्षा गार्ड दिखाई देते हैं। बाकी समय में यहां पर कोई गार्ड नजर नहीं आता है। ऐसें में भर्ती महिलाओं व उनके परिजनों पर कोई भी परेशानी आ सकती है। ऐसे में अस्पताल में जेबकतरे, चोर, नशेडियों के आने से इंकार नहीं किया जा सकता। यदि कोई परेशानी आती है तो मरीजों को स्वयं ही उसका समाधान करता होता है।