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प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत तो किया, पर बुनियादी सुविधा मुहैया कराना भूल गई सरकार

दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र के विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने और ठहराव को लेकर शिक्षक चिंतित। क्रमोन्नत होने के 3 वर्ष बाद भी विकास के लिए मेवात विकास बोर्ड, समसा योजना के तहत बजट स्वीकृत नहीं किया।

अलवरOct 07, 2024 / 04:28 pm

Ramkaran Katariya

मालाखेड़ा. ब्लॉक की सरकारी स्कूल को क्रमोन्नत कर बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार भूल गई। हालात ये हैं कि ऐसे भी विद्यालय हैं, जिनमें केवल दो कमरे है। जिनमें एक कार्यालय व स्टाफ के लिए आरक्षित है तो दूसरे कक्ष में कक्षाओं के विद्यार्थी पढ़ते हैं।
दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक स्कूल जोहरा का बड विद्यालय को ही ले लीजिए, इसमें घुमंतू परिवार, बंजारा, अल्पसंख्यक परिवार के बालक-बालिकाएं अध्ययन करते हैं। टूटी-फूटी ऊबड़-खाबड़ सड़कों से होकर नौनिहाल विद्यालय तक पहुंचते हैं। जहां कई बार सड़क पर बने गहरे गड्ढों में गिरकर चोटिल हो चुके हैं। कक्षा कक्ष के अभाव में विद्यालय में नामांकन बढ़ाने तथा ठहराव को लेकर स्टाफ को अभिभावक के साथ मिलकर मशक्कत करनी पड़ती है, तब जाकर यह नामांकन बरकरार रख रहे हैं।
मेवात, समसा, योजना से कोसों दूर

सरकारी विद्यालय क्रमोन्नत होने के 3 वर्ष में भी प्रमुख रूप से विकास के लिए मेवात विकास बोर्ड, तथा समसा योजना के तहत बजट स्वीकृत नहीं किया। इस वजह से विद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्ष नहीं बने। इसे लेकर अभिभावकों में गहरा रोष व्याप्त हैं। विद्यालय में 35 फ़ीसदी अल्पसंख्यक समुदाय से अध्यनरत बालक है, फिर भी मेवात विकास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
क्रमोन्नति का यह था उद्देश्य

सब पढे, आगे बढ़े.. इस तर्ज पर पहाड़ी क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक स्कूल जोहरा का बड को अगस्त 2021 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली ने मिडिल स्कूल में क्रमोन्नत करा दिया, लेकिन विद्यार्थियों की भर्ती संख्या के आधार पर कक्षा कक्ष पुस्तकालय, वाचनालय, सुलभ शौचालय जैसी मूलभूत व्यवस्थाएं सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से नहीं हुई। संस्था प्रधान पूर्ण चंद मीणा व अन्य शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में 119 से अधिक नामांकन हैं तथा बच्चों को बैठने के लिए विद्यालय में एक कक्षा कक्ष है। यहां बारिश के दिनों व गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए टीनसैड की व्यवस्था की हुई है। इस मामले में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मालाखेड़ा से जानकारी लेने का प्रयास लिया गया, लेकिन मोबाइल से संपर्क नहीं हो पाया।
सिफारिश कर दी जाएगी

इस बारे में समन्वयक अतिरिक्त जिला परियोजना के मनोज कुमार का कहना है कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के यहां से जांच रिपोर्ट और प्रस्ताव आने के बाद सरकार को अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनाने के लिए सिफारिश कर दी जाएगी। वहीं सरपंच रेखा राजेंद्र बैरवा का कहना है कि मेवात विकास के तहत मेव बाहुल्य गांव में विकास कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे गए, लेकिन बजट और राशि स्वीकृत ही नहीं की गई।

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