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आनंद को जितना दूसरों पर छिड़का जाएगा, उतनी अधिक सुगंध हमारे भीतर से पैदा होगी….पढ़ें यह न्यूज

शिव महापुराण कथा का कलश यात्रा के साथ किया शुभारंभ। संतों ने प्रथम दिवस की कथा में शिव महापुराण की महिमा बताई। जिसमें कहा कि मनुष्य जीवन में धर्म के साथ कर्म को जोड़कर के चलता है, तो वह किसी भी बुलंदी को प्राप्त कर सकता है।

अलवरApr 08, 2024 / 09:25 pm

Ramkaran Katariya

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संगीतमय शिव महापुराण कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया।

अलावड़ा. कस्बे के शिव मंदिर व रामलीला चौक में चैत्र नवरात्र के उपलक्ष्य में सोमवार से 9 दिवसीय संगीतमय शिव महापुराण कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया।

संजय कालरा व शिव मंदिर के पुजारी पंडित सुनील शर्मा ने बताया कि श्रीशिव राम कला मंच व समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से 9 दिवसीय संगीतम शिव महापुराण कथा का आयोजन शुरू किया। कथा शुभारंभ के मौके पर कथा वाचक राष्ट्रीय संत स्वामी कमलदास के सानिध्य में कथा से पूर्व 21 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। पुरुष शिव पुराण पोथी को सिर पर धारण कर शोभायात्रा में चल रहे थे। इस दौरान श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। महिलाएं मंगल गीत गाती हुए चल रही थी। कलश व शोभायात्रा कस्बे के शिव मंदिर से प्रारंभ हुई जो कस्बे मुख्य बाजार से होते हुए वापस शिव मंदिर कथा स्थल पर पहुंची। रास्ते में शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं ने पोथी का पूजन व महाआरती कर कथा का शुभारंभ करवाया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।
प्रथम दिवस की कथा में शिव महापुराण की महिमा बताई

संत कमल दास ने प्रथम दिवस की कथा में शिव महापुराण की महिमा बताई। मनुष्य जीवन में धर्म के साथ कर्म को जोड़कर के चलता है, तो वह किसी भी बुलंदी को प्राप्त कर सकता है। परिवार पर केंद्रित यह पावन ग्रंथ हमें सिखाता है कि आनंद जितना दूसरों पर छिड़का जाएगा, उतनी अधिक सुगंध हमारे भीतर से पैदा होगी। जीवन में संसार को समझने से पहले स्वयं को जानना जरूरी है। इसके लिए थोड़ा अपने भीतर उतरना पड़ता है। शरीर से आत्मा तक की यात्रा करनी पड़ती है, जो स्वयं को नहीं जान पाएगा, वह भगवान शंकर को नहीं पहचान पाएगा। शिव का सामान्य अर्थ है कल्याण। जीवन में कल्याण को समझना चाहे तो भगवान शंकर को समझने का प्रयास कीजिए।

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