निर्माण विभाग से नहीं कराया टेंडर
सितंबर, 2023 में नगर निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने मुद्दा उठाया कि नगर निगम का निर्माण विभाग नाला सफाई के लिए अलग से टेंडर करे ताकि नालों की समुचित सफाई हो सके। इस पर पूरे बोर्ड ने सहमति प्रदान की। चालू वित्तीय वर्ष का बजट मंजूर हुआ तो उसमें करीब 4 करोड़ रुपए नाला सफाई के लिए पास किए गए।इसका टेंडर निगम को अप्रेल या मई में करना चाहिए था ताकि 15 जून से पहले नाले साफ हो जाएं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पूरे मानसून शहर ने जलभराव का दर्द झेला। मामला सुर्खियों में आया तो 27 लाख का टेंडर किया गया, लेकिन पूरे नालों की सफाई नहीं हो पाई।
इस खेल को समझें
जोन प्रथम में 17 नाले हैं, जिसकी लंबाई 22,680 मीटर है। इन नालों की सफाई के लिए 8.40 लाख रुपए मासिक आवंटित किए हैं। जोन द्वितीय के 12 नालों की लंबाई 12,970 मीटर है। इसकी नाला सफाई के लिए भी 8.40 का बजट है। यानी 22,680 मीटर के नाला सफाई का खर्च 12,970 मीटर के बराबर है। तीसरे जोन में 7 नाले हैं। इनकी लंबाई 9,240 मीटर है। इसका नाला सफाई खर्च 7.10 लाख का ऑर्डर किया गया है।नाला सफाई जरूरी है, इसलिए यह पुराने आर्डर के तहत ही काम दिया गया है। आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।- जितेंद्र नरुका, आयुक्त, नगर निगम
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो अधिकारियों से पता करके आगे की कार्रवाई करेंगे।- घनश्याम गुर्जर, महापौर