रेलवे स्टेशन पर कई कमरे भी बने हुए हैं। रेलवे विभाग की उदासीनता के चलते यहां पर किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है। ऐसे में यहां के यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेलवे प्लेटफार्म भी नीचा बना हुआ है। ऐसे में यात्रियों को रेल गाड़ी में चढऩे और उतरने में समस्या होती है। बच्चे, बुजुर्ग, विकलांग यात्रियों को सहारा देकर चढ़ाना पड़ रहा है। कई बार यात्री उतरते समय गिरते हैं तो कई बार चोटिल भी हो रहे हैं। प्लेटफार्म पर जगह-जगह नुकीले पत्थर बिखरे पड़े है। जिससे राहगीर चोटिल हो रहे हैं। स्टेशन पर कई कमरे बने हुए हैं, लेकिन इनकी सारसंभाल नहीं होने से यह कबाड़ हो रहे हैं। अलवर, मथुरा, जयपुर, बाड़मेर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की बहुत भीड़ रहती है। यात्री तेज धूप में रेल का इंतजार करते नजर आए। बबूल जैसे झाडयि़ों की छाया का सहारा लेना पड़ रहा है। पानी की व्यवस्था नहीं होने से यात्री बोतलों में पानी अपने साथ लेकर आते हैं। यहां पर पानी पेयजल के लिए कोई प्याऊ की व्यवस्था भी नहीं है। पार्षद सुमन प्रीतम मेघवाल, कालू पंडित आदि ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर छाया पानी की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में संबंधित अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो सकी।