हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली की जमीनों की पावर ऑफ अटॉर्नी जनवरी में गंडाला, बहरोड़, हरसौली, कोटकासिम, खैरथल, मांढण व पावटा उप पंजीयक कार्यालयों में की गई। इनकी संख्या 900 से ज्यादा रही। मामला सार्वजनिक हुआ तो सरकार ने 7 उप पंजीयकों को निलंबित कर दिया था। करीब एक साल इस प्रकरण को हो गया।
सरकार के पास पहुंचा मामला
खैरथल के विकास शर्मा, विजय शर्मा आदि ने सरकार को शिकायत भेजी है। उन्होंने लिखा है है कि उप पंजीयक कार्यालयों में भी फिर से बाहर की अचल संपत्तियों की पावर ऑफ अटॉर्नी करने की संभावनाएं हैं। 3 जिलों के उप पंजीयक कार्यलय में हुआ बड़ा खेल
कुछ कार्यालयों में इसके नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। ऐसे में फिर से अलवर, खैरथल-तिजारा व कोटपूतली-बहरोड़ जिले के उप पंजीयक कार्यालयों से इसका रिकॉर्ड लेकर जांच कराई जाए।
सरकार ने मांगा पावर ऑफ अटॉर्नी का रिकॉर्ड
एक अधिकारी का कहना है कि सरकार ने कुछ समय पहले ही पावर ऑफ अटॉर्नी का रिकॉर्ड मांगा था। यदि किसी उप पंजीयक कार्यालय ने ऐसा किया होगा तो बड़ी कार्रवाई होगी।