न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह और न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा की पैरोल संबंधी की याचिका को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में अधिवक्ता विश्राम प्रजापति ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता सात साल से जेल में है, लेकिन पुलिस अधीक्षक की प्रतिकूल टिप्पणी के कारण पैरोल कमेटी ने पैरोल आवेदन को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता के संबंध में जेल अधीक्षक और सामाजिक न्याय विभाग की रिपोर्ट संतोषजनक है।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस अधीक्षक ने याचिकाकर्ता के खिलाफ रिपोर्ट दी है ओर वह गंभीर अपराध में सजा काट रहा है। यदि पैरोल पर रिहा किया गया तो समाज और पीडिता पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इस मामले में 21 वर्षीय विधि स्नातक छात्रा ने सितंबर 2017 में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें सात अगस्त 2017 को अलवर स्थित आश्रम में बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया। इस मामले में 26 सितंबर, 2018 को एडीजे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।