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राजनीतिक पंडित कहते हैं कि भाजपा इस बार 65 साल से अधिक आयु के दावेदारों के टिकट काट सकती है। पार्टी में इस उम्र के दावेदारों की संख्या करीब 10 बताई जा रही है।
भाजपा की ओर से इस समय विधानसभाओं में गोपनीय आंतरिक सर्वे चल रहा है। जनता की नब्ज टटोली जा रही है। कई सवालों पर बात करके टोह ली जा रही है कि जनता के बीच कौनसे नेता सक्रिय हैं, जो चुनाव लड़ें तो जीत दर्ज कर सकें। बताते हैं कि पार्टी की ओर से कोशिश की जा रही है कि बुजुर्ग चेहरों को टिकट न दिया जाए।
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उनके अनुभव का लाभ लेते हुए नए चेहरों को मैदान में उतारा जाए। जनता के सामने नया चेहरा होगा तो उससे उम्मीदें ज्यादा होंगी और वोट प्रतिशत बढ़ने की संभावना रहेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि 65 साल से ऊपर वाले नेताओं को टिकट मिलना इस बार आसान नहीं। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व खुद चाह रहे हैं कि नए चेहरों की तलाश हो। उन्हीं चेहरों को फिर से मैदान में न उतारा जाए जो बुजुर्ग हो गए।