करीब छह करोड़ की लागत से बने थे दोनों पैनोरमा महाराजा भर्तृहरि और हसन खां मेवाती की पैनोरमा के निर्माण कार्य पर करीब 6 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई। जिसमें हसन खां मेवाती के पैनोरमा में 1 करोड़ 36 लाख रुपए तथा महाराजा भर्तृहरि की पैनोरमा में 4 करोड़ 75 लाख रुपए का बजट लगा। दोनों पैनोरमा का उद्घाटन वर्ष 2018 में राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था, जो करीब एक साल बाद 2019 में बनकर तैयार हुआ। इन्हें बनने के करीब दो साल बाद पर्यटकों के लिए खोला।
बकाया है बिजलीका बिल
दोनों पैनोरमा को बने कई साल हो गए। पैनोरमा बनने से लेकर अब तक का बिजली का बिल बकाया है। वहां स्थित गार्ड महावीर जुनेजा ने बताया कि यहां का बिजली का बिल अभी तक जमा नहीं कराया गया है।
दोनों पैनोरमा में अलवर का गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया है। इनमें महाराजा भर्तृहरि और हसन खां मेवाती के बारे में जानने को मिलता है। इसमें महाराजा भर्तृहरि के राज-काज से लेकर संन्यासी बनने तक तथा हसन खां मेवती की वीरता ओर शौर्यता को चित्रकला के माध्यम से दिखाया गया है।
नहीं हो रखा रख-रखाव
शहर में बने इन दोनों पैनोरमा का रख-रखाव अच्छी तरह से नहीं हो रहा। राजा भर्तृहरि की पैनोरमा पर लगे कांच टूटे हुए हैं। साथ ही पैनोरमा स्थल के सामने कचरा पड़ा हुआ है।