जानकारी के अनुसार रैणी तहसील के डोरोली गांव निवासी नरेन्द्र मीणा (18 ) को दिमागी बुखार होने पर परिजनों ने उसे अस्पताल के ही एक चिकित्सक के घर पर दिखाया। चिकित्सक ने खून की कमी बताते हुए उसे सामान्य अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। इस पर परिजनों ने बुधवार को सुबह करीब 11 बजे नरेन्द्र को सामान्य अस्पताल भर्ती करा दिया। यहां उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इस बीच अस्पताल स्टाफ ने मरीज को खून चढ़ाने के लिए डोनर का इंतजाम करने को कहा।
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इस पर नरेन्द्र के जीजा हरिओम मीणा को खून देने के लिए बुलाया। इस दौरान वार्ड में मौजूद स्टाफ जांच के लिए नरेन्द्र का ब्लड ग्रुप लेना ही भूल गया और उसके जीजा हरिओम मीणा के ब्लड ग्रुप की जांच कर शाम को उसका ” ओ पॉजिटिव” खून मरीज को चढ़ा दिया। गुरुवार को चिकित्सक ने मरीज की जांच के बाद और ब्लड चढ़ाने के लिए बोला तो फिर से डोनर की व्यवस्था की गई। इस दौरान स्टाफ ने मरीज नरेन्द्र के ब्लड का सैंपल लिया तो वह ” बी पॉजिटिव” मिला, जिससे स्टाफ के हाथ-पैर फूल गए। पीड़ित नरेन्द्र ने अस्पताल स्टाफ पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए संबंधित स्टाफ को हटाने की मांग की है।