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अलवर में ही हो रहे हैं महाकाल, भूतनाथ, रामेश्वरम के दर्शन, जानने के लिए पढे यह खबर

अलवर. मंदिरों में पहले भगवान की प्रतिमाओं का साधारण् श्रृंगार ही किया जाता था लेकिन अब श्रृंगार की परंपरा बदल रही है। अलवर के मंदिरों में उज्जैन के महाकाल व अन्य बडे मंदिरों की तर्ज पर झांकियां सजाई जा रही है। इससे मंदिराें में भक्तों का जुडाव भी बढ़ा है।

अलवरJun 06, 2023 / 12:14 pm

Jyoti Sharma

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झांकियों को सोशल मीडिया के जरिए जन जन तक भी पहुंचाया जा रहा है। झांकिया इतनी मनमोहक होती है कि भक्त भगवान को घंटों तक निहारते हैं।

खास मौकों पर सजती है खास झांकी
त्रिपोलिया महादेव मंदिर में काफी समय से प्रतिदिन शाम को आकर्षक झांकी सजाई जाती है। प्रतिदिन के श्रृंगार में करीब तीन घंटे लगते हैं। इसके लिए एक दिन पहले ही तैयारी करनी होती है। ज्यादातर सामान बाहर से ही मंगवाया जाता है। विशेष अवसरों पर झांकियां भी विशेष् होती है। इसमें भगवान शिव के महाकाल, भूतनाथ, रामेश्वरम, मणिशंकर, दूल्हा रूप में विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। इसके अलावा फल, मेवा, पत्ते, मिठाई से भी झांकी सजाई जाती है। महंत जितेंद्र खेडापति ने बताया कि भक्तों की भावना के अनुरूप भी भगवान को सजाया जाता है। इसमें गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त जैसे अवसराें पर भगवान का देशभक्ति का संदेश देता हुआ श्रृंगार किया जाता है।
मन्नी का बड़ पर एकलिंग महादेव मंदिर में भी पिछले काफी समय से झांकियां सजाई जा रही है। जिसे देखने के लिए शाम को मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है। एकलिंग महादेव को भगवान कृष्ण, हनुमान, श्याय बाबा के रूप में सजाया जाता है। भगवान की झांकी सजाने वाले उमेश तिवाडी ने बताया कि प्रतिदिन श्रृंगार के लिए करीब तीन घंटे की मेहनत के बाद झांकी सजती है। इसके लिए पुष्प, वस्त्र के साथ साथ मिटटी आदि का उपयोग किया जाता है। भगवान एकलिंग को भगवान कृष्ण, श्याम बाबा, महाकाली, हनुमान रूप में देखकर भक्त भी पहचान नहीं पाते हैं।
स्कीम नंबर दस निवासी पंडित मोहित शर्मा बताते हैं कि मंदिर में शिवजी की सुंदर झांकी सजाने के लिए कई दिन पहले तैयारियां शुरू हो जाती है। कोशिश रहती है कि भगवान का श्रृंगार सबसे अलग हो। मास की विशेष तिथियों पर खास श्रृंगार किया जाता है। कई बार तो सामग्री भी नहीं मिलती है। बाहर से मंगवानी पड़ती है। इसी तरह से थानागाजी के उदयनाथ धाम में विराजमान हनुमान जी की प्रतिमा का प्रत्येक मंगलवार को होने वाला श्रृंगार इतना खास होता है कि इसे देखने दूर दूर से भक्त आते हैं। यहां पर हनुमान जी को चोला तो चढ़ता ही है उन्हें वस्त्र भी पहनाए जाते हैं।

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