अधिकतर परिवारों में बेटियां अपने मायके में आई। यहां उनकी खूब आव भगत हुई। शाम को बेटियां अपने घरों के लिए विदा हुई तो मां बाप ने बहुत सामान देकर विदा किया। इस दिन रविवार होने के कारण शहरवासियों ने इस पर्व का जमकर लुत्फ उठाया। रेल व बस में बड़ी संख्या में यात्री पहुंचें। घरों में रही रौनक, बाजार रहे सूनेमकर संक्रांति पर जहां मेहमानों के आने से चहल पहल रही। वहीं बाजारों में दुकानें बंद होने व ग्राहकों के ना आने से सन्नाटा छाया हुआ था।
शहर का मनुमार्ग का तिराहा, मन्नी का बड़, चर्च रोड, कंपनी बाग रोड, पंसारी बाजार, होपसर्कस, चूड़ी मार्केट बाजार आदि जहां अक्सर भीड़ भाड़ रहती है वहां अधिकतर दुकानें बंद थी। इससे बाजारों में सूनापन छाया हुआ था।। दान देने के लिए बनाए संग्रहण केंद्र शहर में जगह जगह पर गौ माता के चारे पानी के लिए धन संग्रहण केंद्र बनाए गए थे। गरीब व जरुरतमंदों के लिए कंपनी बाग, अशोका टाकीज,रेलवे स्टेशन, काला कुआं आदि जगहों पर भंडारों का आयोजन किया गया। जिसमें सब्जी पूरी व बे्रड छोले सहित अन्य वस्तुओं को लेने के लिए लंबी कतार लगी हुई थी। दानदाताओं ने अनाथालायों में भी बढ़ चढ़कर दान किया। होपसर्कस पर दिव्यांगों की सहायता के लिए राशि एकत्रित की जा रही थी।
इधर त्रिपोलिया में व्यापारियों की ओर से खूब दान पुण्य किया गया।महिलाओं ने बनाएं सात पिटठूगली मौहल्ला और कॉलोनी सुबह का
काम होने के बाद हर जगह पर महिलाएं व बालिकाएं समूह में पिटठू खेलते हुए दिखाई दिए । दौड़ती भागती महिलाएं जब थक जाती तो कुछ देर आराम करती हुई दिखाई दी। छोटे हो या बडे़ हर आदमी इस दिन पिटठू खेलने में मशगूल था। एक टीम जब पिटठू बनाती तो दूसरी टीम दौडकर बॉल से मारने की कोशिश करती। खेल इतना मनोरंजक था कि बड़ों को भी अपने दिनर याद आ गए।
खेल मैदानों में हुई प्रतियोगिताएं इस दिन अलवर शहर के खेल मैदानों में युवाओं की भारी भीड़ रही। कोई पिटठू खेल रहा था तो बॉल के साथ रोंडल में चौके छक्के लगा रहा था। पुराना कटला में युवा क्लब की ओर से विभिन्न खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मूसी महारानी, महल चौक, सागर के पास गटटा, लाल महल चौक, नवीन स्कूल का खेल मैदान, कंपनी बाग का खेल मैदान, राजर्षि कॉलेज व आर्टस कॉलेज का खेल मैदान, इंदिरा गांधी स्टेडियम हर तरफ बच्चे क्रिकेट आदि खेल खेलते हुए दिखाई दिए।