कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ होने से पहले मुख्य अतिथियों का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया। उपखंड अधिकारी अलवर प्रतीक जूहीकर को गुलदस्ता भेंट किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी और पर्यटकों का मन मोह लिया।
यहां आकर बहुत अच्छा लगा महाराष्ट्र से आए रूपांजलि ग्रुप के कलाकारों का कहना था कि हमारी लावणी नृत्य गीत भाषा हालांकि समझ में नहीं आई, लेकिन लोगों ने उनके नृत्य को काफी अच्छा बताया। हम विदेशों में भी जाकर कला का प्रदर्शन करते हैं। जिसमें पहली बार अलवर मत्स्य उत्सव में आए हैं और हमने अपनी कला की प्रस्तुतियां दी है। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। वहीं जम्मू एंड कश्मीर से आए कश्मीरी नृत्य ज्योति रैना ग्रुप लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। जहां उनके नृत्य भी काफी आकर्षक एवं सराहा गया।
कलाकारों ने बताया कि अलवर में पहली बार आए हैं और हमें अच्छा लग रहा है। देशभर से आए कलाकार ने अपने गानों पर नृत्य किया है। कलाकारों का कहना था कि एक कला ही है जो पूरे देश को एकता रखती है। हमारे देश में तरह-तरह की भाषाएं और वेशभूषा है। यहां आकर हमें बहुत अच्छा लगा है। हमने पर्यटकों से कहना चाहते हैं कि अलवर में भी आए। यहां घूमने का लुत्फ उठाए।
उपखंड अधिकारी प्रतीक जुईकर ने बताया कि तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का आज से शुरू हो गया है। जिसमें अलवर की संस्कृति कल्चर और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम किया। भानगढ़ में स्विप कार्यक्रम हुआ और अब सिलीसेढ़ झील की पाल पर कार्यक्रम हुआ। यहां पर सभी स्टेट के जो एक्टिविटी है उनकी प्रस्तुति दे रहे हैं।