करंट ने छीन लिए हाथ- पैर, अब running ब्लेड के सहारे लगा रही दौड़़
जब मैं मात्र छह साल की थी तो खेलते समय छत से गुजरते 11 हजार केवी के तार को छू लिया। इससे शरीर में करंट दौड गया, खून जल गया तो हाथ सूख गया और पैरों में फफोले हो गए। डॉक्टरों को एक हाथ और एक पैर काटना पड़ा। करंट इतना अधिक था कि खून की उल्टियां होने लगी, ङ्क्षजदगी बचाना मुश्किल था।
जोधपुर की संगीता विश्नोई ने लंदन के मिनी पैरा ओलंपिक में पाया गोल्ड, दो नेशनल भी खेल चुकी
अलवर. जब मैं मात्र छह साल की थी तो खेलते समय छत से गुजरते 11 हजार केवी के तार को छू लिया। इससे शरीर में करंट दौड गया, खून जल गया तो हाथ सूख गया और पैरों में फफोले हो गए। डॉक्टरों को एक हाथ और एक पैर काटना पड़ा। करंट इतना अधिक था कि खून की उल्टियां होने लगी, ङ्क्षजदगी बचाना मुश्किल था। मेरे पिता ने मुझे खून दिया और ङ्क्षजदगी मुश्किल से बची। यह व्यथा थी जोधपुर के बुधनगर की रहने वाली पैरा एथलेक्टिस खिलाडी संगीता विश्नोई की, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद, प्रतिभा पाटील, राजस्थान के मुख्यमंत्री भैरोङ्क्षसह शेखावत सहित अनेक बड़ी हस्तियां सम्मानित कर चुकी हैं। वर्तमान में ये जोधपुर में तकनीकि शिक्षा निदेशालय में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत हैं।
संगीता विश्नोई का एक हाथ और एक पैर नहीं, लेकिन इसके बाद भी कामयाबी की ङ्क्षजदगी जी रही है। ये प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो शारीरिक रूप से सक्षम होने के बाद भी ङ्क्षजदगी में कामयाबी हासिल नहीं कर पाते हैं। वह बताती है कि पिता रामसुख विश्नोई व माता दाखू देवी खेती बाडी करते हैं। उन्होंने मुझे ङ्क्षजदगी में हार नहीं मानने दी और डिसेबल स्कूल में प्रवेश करवाया, जहां मुझे खेलों में जाने का मौका मिला। बचपन से ही मुझे क्रिकेट खेलने का शौक था, मैंने इस शौक को ङ्क्षजदा रखा और कोच ओमप्रकाश डूडी के निर्देशन में सन 2003 में लंदन में आयोजित मिनी पैरा ओलंपिक में क्रिकेट बॉल थ्रो में गोल्ड मेडल जीता, यहां पर आउट स्टैंडिग परफोरमेंस के लिए मुझे 215 पौंड दिए गए।
इसके बाद मुझे जीने की नई राह मिली और रङ्क्षनग ब्लेड के सहारे अभी तक 12 से ज्यादा मैराथन में दौड लगा चुकी हूं। 2018 में हरियाणा के पंचकुला में आयोजित नेशनल खेलों में एथलेटिक्स में दो सिल्वर, बैंग्लुरू में होने वाले नेशनल खेलों में डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल जीता। अलवर में आयोजित खेलों में शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में गोल्ड, रङ्क्षनग में सिल्वर मेडल जीता। खास बात यह है कि वह सभी प्रतियोगिताओं में अकेले ही शामिल होती हैं उन्हें किसी सहारे की जरूरत नहीं है।
Hindi News / Alwar / करंट ने छीन लिए हाथ- पैर, अब running ब्लेड के सहारे लगा रही दौड़़